रविवि में “सूखती नदियां और घटते तालाब” पर हुआ कार्यशाला एवं व्याख्यान

राजेन्द्र देवांगन
2 Min Read

रायपुर। भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटैक) तथा मानव विज्ञान विभाग रविशंकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में “तालाब हमारी धरोहर तथा छत्तीसगढ़ की नदी घाटी की सभ्यता ‘विषय पर एक कार्यशाला एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया। इंटैक के राज्य संयोजक अरविन्द मिश्र ने वक्ताओं के चिंतन के विषय में बताया कि क‌षि वैज्ञानिक दिनेश के मारोठिया के अनुसार रतनपुर के प्राचीन तालाबों का निर्माण आज भी अनुकरणीय है। उन्होंने रायपुर के बुढ़ा तालाब तथा जगदलपुर के दलपत तालाब की वर्तमान दशा की ओर ध्यानाकर्षण किया। कुलपति सच्चिदानंद शुक्ल ने तालाब और नदी की पूजा और सेवा करने वाली माताओं को अनुकरणीय कहा। पूर्व कुलपति शिवकुमार पांडे ने कहा कि प्राचीन परंपरा की तरह आज भी यदि पानी को ईश्वर मानकर चलें तो आज भी कारगर होगा। हैरिटेज आर्किटेक्ट श्रीमती शिवी जोशी ने छत्तीसगढ़ के तालाबो के संरक्षण की विस्तृत रूपरेखा की प्रस्तुति दी।

बिहार संग्रहालयध्क्ष श्रीमती विशी उपाध्याय ने संरक्षित करने का प्रायोगिक तरीका बताया। लक्ष्मी शंकर निगम इतिहासकार ने नंदी और तालाब की रोचक प्रस्तुति से विद्यार्थीयों को आकर्षित किया। उन्होंने चुनौतियां पर ज्यादा जोर दिया।
श्री जी एल रायकवार पुरातत्ववेत्ता ने जनजीवन पर नदी की महत्ता का विस्तार से वर्णन किया। जीतेन्द्र प्रेमी विभागाध्यक्ष ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मानव विज्ञान के रिसर्च स्कॉलरो को प्रेरित किया।
इंटैक के जिला संयोजक डॉ राकेश तिवारी ने तालाब और नदी के लिए इंटैक के योगदान तथा भावी योजनाओं के बारे में बताया। श्री अरविन्द मिश्र राज्य संयोजक ने बताया कि संस्था की ओर से जनजागरण की मुहिम महासमुंद,सरईपाली कवर्धा राजनांदगांव दुर्ग आदि स्थानों में जारी है

Share this Article

You cannot copy content of this page