रायपुर, अप्रैल 18 — जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोगों की प्यास बुझाने के लिए सड़क किनारे बिकने वाले पानी पाउच की मांग बढ़ रही है। ये सस्ते और आसानी से उपलब्ध होते हैं, खासकर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाजार क्षेत्रों में। लेकिन क्या यह सुविधा से भरे पाउच वास्तव में स्वास्थ्य के लिहाज़ से सुरक्षित हैं?
स्थानीय घटना से बढ़ी चिंता
पिछले सप्ताह रायपुर के पंडरी बस स्टैंड क्षेत्र में पानी पाउच पीने से 8 लोग बीमार हो गए, जिनमें 3 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार सभी में फूड पॉयजनिंग के लक्षण थे। प्राथमिक जांच में पानी संदिग्ध पाया गया, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
बिना पहचान, बिना गारंटी
1 से 2 रुपये में बिकने वाले अधिकांश पाउच बिना किसी ब्रांड नाम, पैकेजिंग की तारीख या BIS प्रमाणन के होते हैं। कई बार इन्हें स्थानीय स्तर पर अस्वच्छ तरीकों से भरा जाता है और सीधे बाजार में बेच दिया जाता है।
प्रशासन हुआ सतर्क
खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीमती अंजलि वर्मा ने बताया, “हाल ही में हमारी टीम ने 50 से अधिक संदिग्ध पानी पाउच जब्त किए हैं। कई विक्रेता बिना लाइसेंस और मानक प्रमाणन के यह पानी बेच रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।”
चिकित्सकों की चेतावनी
डॉ. संजय मिश्रा, वरिष्ठ फिजिशियन, अंबेडकर अस्पताल, का कहना है, “गर्मी में दूषित पानी से डायरिया, टायफाइड, उल्टी और वायरल जैसी समस्याएं तेजी से फैलती हैं। जो पाउच बिना स्रोत जानकारी और साफ-सफाई के होते हैं, वे गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है।”
जनता क्या करे?
- हमेशा ब्रांडेड और ISI प्रमाणित पानी ही खरीदें।
- पैकेजिंग की तारीख, मुहर और कंपनी नाम जरूर देखें।
- सड़क किनारे बिक रहे बिना नाम के पाउच से परहेज करें।
- शक होने पर पानी न पिएं और प्रशासन को सूचित करें।
अब समय है सतर्क होने का
गर्मी में शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है, लेकिन यह तब तक फायदेमंद है जब तक पानी शुद्ध हो। मामूली कीमत के लालच में स्वास्थ्य को जोखिम में डालना बुद्धिमानी नहीं। अगली बार जब आप प्यास से बेहाल हों, तो यह जरूर सोचें कि जो पानी आप पीने जा रहे हैं, वह आपकी सेहत के लिए कितना सुरक्षित है।

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