रायपुर। राजधानी के रिंग रोड नंबर-2 पर संडौगरी नाले के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक बेजुबान जानवर की वाहन से टकराकर मौत हो गई। हादसा रात करीब 9:30 बजे हुआ, जब पूरे इलाके में घना अंधेरा था क्योंकि सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइटें पूरी तरह बंद थीं। हादसे के बाद क्षेत्र में रोष का माहौल है और एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही कटघरे में है।
अंधेरे में लुप्त होती जानें, प्रशासन बेपरवाह
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हाईवे पर रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहन चालक को रास्ता स्पष्ट नहीं दिखा और सामने आए जानवर को कुचल दिया। यह कोई पहली घटना नहीं है—स्थानीय लोग बताते हैं कि इसी क्षेत्र में पहले भी कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने आंखें मूंद रखी हैं।
बजरंग दल का विरोध प्रदर्शन और चेतावनी
हादसे की जानकारी मिलते ही बजरंग दल बंजारी प्रखंड के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने मौके पर ही मार्ग को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर प्रशासन को चेताया कि यदि जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था बहाल नहीं की गई और जिम्मेदार अफसरों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो विरोध प्रदर्शन और उग्र रूप ले सकता है। धरना प्रदर्शन पर रोड में उतर आयेंगे आम जनता अपनी और मवेशियों को सुरक्षा के लिए।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अंधेरे में जानवरों के साथ-साथ आम नागरिकों की जान भी खतरे में है, और इसके बावजूद नगर निगम और विद्युत विभाग लगातार आंख मूंदे हुए हैं। उनका कहना है कि यह लापरवाही नहीं, बल्कि घोर संवेदनहीनता है। बड़ी हादसा को चुनौती के साथ नेवता दे रही प्रशासन की चुप्पी।
क्या सुध लेगा प्रशासन?
यह मामला प्रशासन की लापरवाही का ताजा उदाहरण है, जिसमें न सिर्फ एक बेजुबान जानवर की जान गई बल्कि क्षेत्र में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है? या फिर यह मामला भी बाकी घटनाओं की तरह फाइलों में ही दफन होकर रह जाएगा?
प्रशासन कब तक ऐसे लापरवाही बरतते रहेगी?