नवरात्रि के आठवें दिन मां महगौरी की होती है पूजा, जानिए पूजा की विधि
अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है
महेंद्र मिश्रा,रायगढ़/ नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महगौरी, मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। इन्हें आठवीं शक्ति कहा जाता है। महागौरी हीं शक्ति मानी गई हैं। पुराणों के अनुसार, इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमान है।माता के इस स्वरूप को चैतन्यमयी भी कहा जाता है। इस दिन सुबह उठ जाएं और स्नानादि कर साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें फूल चढ़ाएं और मां का ध्यान करें।
फिर मां के समक्ष दीप जलाएं। फिर मां को फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें। मां की आरती करें और मंत्रों का जाप करें। इस दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन नौ कन्याओं और एक बालक को पूजा जाता है।
इन्हें घर बुलाकर खाना खिलाया जाता है।कन्याओं और बालक अपनी सामर्थ्यनुसार भेंट देनी चाहिए। फिर उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें विदा कर दें।पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अपने पूर्व जन्म में कठोर तपस्या की थी तथा शिव जी को पति स्वरूप प्राप्त किया था। शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां ने जब कठोर तपस्या की थी तब मां गौरी का शरीर धूल मिट्टी से ढंककर मलिन यानि काला हो गया था।
इसके बाद शंकर जी ने गंगाजल से मां का शरीर धोया था। तब गौरी जी का शरीर गौर व दैदीप्यमान हो गया। तब ये देवी महागौरी के नाम से विख्यात हुईं।
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