20 से अधिक मरीजों के आंखों का तिरछापन हुआ दूर

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ का पहला सरकारी अस्पताल बना सिम्स, जहां आंख का हुआ जटिल ऑपरेशन

सिम्स के नेत्र विभाग के डॉक्टरों ने मरीजों का किया सफल इलाज।बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) में जटिल सर्जरी कर गंभीर और दुर्लभ बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। नेत्र रोग विभाग में आंखों का तिरछापन दूर करने के लिए 20 से अधिक मरीजों की सर्जरी की गई। यह संस्थान आंखों की जटिल समस्या का उपचार कर.आंख के तिरछेपन को आम भाषा में भेंगापन भी कहा जाता है।

मेडिकल भाषा में इसे स्क्यूनिट कहते हैं। इसमें मरीज की आंख सीधी रहने के बजाय बाहर या अंदर की तरफ घुमी हुई रहती है। आमतौर पर यह बीमारी बचपन से ही मरीज में दिखाई देने लगती है। जिस कारण मरीज की आंख की रोशनी भी कमजोर हो जाती है।सिम्स के नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने मरीजों की आंखों की समस्या का किया सफल इलाज।मानसिक दबाव में आ जाते हैं मरीजमरीज इसके कारण एक मानसिक दबाव से गुजरने लगता है। लोगों के बीच में अपने आपको ले जाने से परहेज करने लगता है।

ताकि वह उपहास का कारण न बने। साथ ही शादी और जाब में भी लोगों को परेशानी होती है। लोगों को यह जानकारी नहीं हो पाती है कि इसका इलाज संभव है। इसके लिए उम्र देखने की जरुरत नहीं है। आम बीमारी का पता लगते ही तत्काल परामर्श लेकर इलाज करा सकते हैं।ऐसे मरीजों का सिम्स में हो रहा सफल इलाजअब इस तिरछेपन का इलाज संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में होने लगा है।

इसकी सर्जरी से इस अस्पताल ने छत्तीसगढ़ में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, क्योंकि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में आज तक आंखों के तिरछेपन का इलाज नहीं हो सका था।दो वर्षो में सिम्स की नेत्र रोग सर्जन डॉ. प्रभा सोनवानी ने अपने टीम के साथ मिलकर बीस से भी अधिक बच्चों, युवक और युवतियों के तिरछेपन का सर्जरी द्वारा सफल इलाज करवाया है।

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