लापरवाही: पीएचई ने 3.76 करोड़ से विस्थापित होने वाले गांवों में बिछा दी पाइप

राजेन्द्र देवांगन
4 Min Read

पीएचई के अफसरों ने जल जीवन मिशन की प्लानिंग बनाने में बड़ी लापरवाही की है। इस वजह से करीब 4.76 करोड़ की राशि पानी में डूब जाएगी। एसईसीएल के खदान प्रभावित गांवों में पानी टंकी का निर्माण, पाइपलाइन व नल कनेक्शन के लिए चबूतरा का निर्माण भी करा दिया। इन.अमगांव तो अगले 6 महीने वीरान हो जाएगा।

खोडरी में नौकरी की प्रक्रिया चल रही है। अफसरों को गलती का अहसास होने पर टंकी का निर्माण रोक दिया है। ‌‌ एसईसीएल कुसमुंडा, दीपका, गेवरा खदान के विस्तार के लिए गांवों की जमीन ली जा रही है।

इसकी प्रक्रिया ही 15 साल से चल रही है। एक-एक कर गांवों को भी विस्थापित किया जा रहा है।खदान नजदीक होने के कारण ही इन गांवों में गर्मी के समय भू-जल स्तर काफी नीचे चला जाता है। इसके बाद भी पीएचई के अफसरों ने प्लानिंग बनाते इस पर ध्यान ही नहीं दिया। जब गांव ही नहीं रहेगा तो पानी किसको आपूर्ति करेंगे। खनन शुरू होने पर ये गांव खदान में समा जाएंगे।

इस वजह से योजना का लोगों को फायदा भी नहीं मिलने वाला है।ग्राम मलगांव के लिए जल जीवन मिशन के तहत 69.91 लाख की मंजूरी मिली थी। इसके तहत गांव में 5493 मीटर पाइप लाइन बिछानी है। जिसमें से 5212 मीटर पाइप लाइन बिछा दी गई है। यही नहीं 252 में से 242 घरों में नल कनेक्शन के साथ चबूतरा का भी निर्माण कर दिया गया है ।

यहां करीब 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसी तरह ग्राम खोडरी व डोंगरी के लिए 3 करोड़ 6 लाख रुपए की मंजूरी मिली थी।इसके लिए रिस्दी में 100 किलोलीटर का पानी टंकी बनाया गया है। लोगों को पानी देने के लिए 16344 मीटर में से 15000 मीटर पाइप लाइन बिछा दी गई है। यही नहीं 440 में से 436 घरों में नल कनेक्शन और चबूतरा का निर्माण करा दिया गया है।

पीएचई के कार्यपालन अभियंता अनिल कुमार बच्चन का कहना है कि इस संबंध में एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। अभी तो गांव हैं, इसलिए काम कराया गया है।इन गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया जारी खदान विस्तार के साथ ही ग्राम पाली, खोडरी, रिस्दी, सोनपुरी चुरैल, खैरभवना, बरकुटा, जरहाजेल, बरपाली, दुरपा शामिल है। यहां करीब 2982 परिवार रह रहे हैं। इसके अलावा दीपका, गेवरा खदान के लिए भी गांव को विस्थापित करना है।

खोडरी के उपसरपंच अजय कुमार ने बताया कि गांव में पाइपलाइन बिछ गई है, लेकिन पानी आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। सिंटेक्स लगाने की मांग की गई थी। उसे भी पूरी नहीं की गई है। इस वजह से गांव में पानी की समस्या बनी हुई है। गांव का विस्थापन कब तक होगा, यह भी अभी साफ नहीं है।अफसरों से राशि वसूल होनी चाहिए पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल का कहना है कि अफसरों की यह घोर लापरवाही है।

उनसे योजना की राशि की वसूली होनी चाहिए। योजना बनाते समय मैदानी स्तर की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके कारण योजना पर ही सवाल उठने लगे हैं।मल्टी विलेज योजना में शामिल हैं गांव एसईसीएल के खदान प्रभावित गांवों में पेयजल योजना के लिए जल जीवन मिशन से मल्टी विलेज योजना बनाई गई है। इसकी लागत 660 करोड़ है। यहां के लोगों को बांगो बांध से पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसमें अभी कम से कम 1 साल का समय अभी और लगेगा।

Share This Article