नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ये हैं मांगें..!
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करके सरकार को नए अधिनियम के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त और EC को नियुक्त करने से सरकार को रोकने की मांग की है. आपको बता दें, हाल ही में चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दिया था.
विशेष रूप से, सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सीईसी अधिनियम, 2023 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं किया है, जिसने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाले पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने के लिए विवाद पैदा किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले नए कानून (सीईसी अधिनियम) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि वह फिलहाल अंतरिम रोक जारी नहीं कर सकती.
सीईसी अधिनियम सीईसी और चुनाव आयुक्तों के पदों पर प्रधान मंत्री (पीएम), एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता की चयन समिति द्वारा नियुक्ति की अनुमति देता है.
जया ठाकुर द्वारा इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई कि सत्तारूढ़ सरकार नए चयन पैनल पर हावी होगी.
उन्होंने तर्क दिया कि 2023 अधिनियम अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है, जिसमें नियुक्ति प्रक्रिया में भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने का आह्वान किया गया था.
जया ठाकुर ने आगे तर्क दिया कि सीईसी अधिनियम के प्रावधान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत का उल्लंघन हैं क्योंकि यह ईसीआई के सदस्यों की नियुक्ति के लिए “स्वतंत्र तंत्र” प्रदान नहीं करता है.
इस साल जनवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से जवाब मांगा, लेकिन कानून के संचालन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. पिछले महीने उसने फिर से कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इस बीच, अरुण गोयल ने 8 मार्च को चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया
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