बर्ड फ्लू के खतरे के बीच कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में जानवरों की देखभाल में बदलाव

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में बर्ड फ्लू के खतरे के मद्देनजर, जू प्रबंधन ने जंगली और पालतू जीवों की सुरक्षा के लिए कड़ी सावधानियाँ बरतना शुरू कर दी हैं। बर्ड फ्लू के संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए प्रबंधन ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।

चिकन की जगह मटन दिया जाएगा मांसाहारी जानवरों को

जू में मांसाहारी जानवरों जैसे बाघ, तेंदुआ, और शेर को अब चिकन की बजाय मटन दिया जाएगा। यह कदम बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए उठाया गया है। इसके अलावा, पक्षियों के केज की सफाई और सेनेटाइजेशन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए लगातार निगरानी और सुरक्षा उपाय

संजय लूथर, जू के प्रभारी अधीक्षक, ने बताया कि बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए सभी सुरक्षा उपाय सख्ती से लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पक्षियों के केज की सफाई और निगरानी की प्रक्रिया को बढ़ा दिया गया है ताकि संक्रमण का कोई खतरा न हो।

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए जू प्रबंधन ने लागू की सख्त सुरक्षा उपाय

जू प्रबंधन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे किसी भी मृत पक्षी को न छुएं और मांसाहारी उत्पाद न खरीदें। प्रबंधन ने बर्ड फ्लू के खतरे के मद्देनजर सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

कानन पेंडारी जू में बर्ड फ्लू का खतरा

कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में बर्ड फ्लू का खतरा बना हुआ है, और जू में रहने वाले पक्षी और अन्य जानवर इस बीमारी के प्रति संवेदनशील हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, जू प्रबंधन ने चिकन और अन्य पक्षी उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जानवरों की आहार व्‍यवस्‍था में किया गया बदलाव

जानवरों अब मटन दिया जाएगा

जू में मांसाहारी जानवरों के लिए आहार चार्ट में बदलाव किया गया है। पहले हर बुधवार को चिकन दिया जाता था, लेकिन अब मटन दिया जाएगा। कुछ वृद्ध बाघ और तेंदुए को पहले चिकन दिया जाता था, लेकिन अब उन्हें भी मटन दिया जाएगा।

इस तरह के बदलावों से बर्ड फ्लू के खतरे को कम करने की कोशिश की जा रही है।

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