कलेक्टर ने माना- दोगुनी भीड़ से बिगड़े हालात:अनुमान था कि 6 दिन में 10 लाख लोग आएंगे, लेकिन पहुंचे 20 लाख श्रद्धालु..!

राजेन्द्र देवांगन
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कलेक्टर ने माना- दोगुनी भीड़ से बिगड़े हालात:अनुमान था कि 6 दिन में 10 लाख लोग आएंगे, लेकिन पहुंचे 20 लाख श्रद्धालु..!

कुबेरेश्वर धाम पर रुद्राक्ष महोत्सव के पहले ही दिन श्रद्धालुओं की दोगुनी भीड़ से हालात बिगड़े। देशभर से करीब 20 लाख श्रद्धालु कुबेरेश्वर पहुंचे, जबकि आयोजक और अफसरों का अनुमान था कि आयोजन के दौरान 6 दिन में 10 लाख लोग आएंगे।

ये खुलासा सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने  ने भी माना कि महोत्सव के दौरान हालात खराब हुए। ऐसा प्रशासन के गलत अनुमान के कारण हुआ। उम्मीद नहीं थी कि इतने लोग आ जाएंगे। दरअसल, महोत्सव में पहले दिन जो भीड़ आई, उनमें महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु ज्यादा थे, जो अपनी गाड़ियों में आए थे। इस कारण करीब डेढ़ लाख फोर व्हीलर जमा हो गईं। इससे 27Km लंबा जाम लग गया और भोपाल-इंदौर हाईवे पूरे 11 घंटे बंद रहा।

कुबेरेश्वर धाम पर जाने वाले रास्तों पर शुक्रवार को बेरिकेडिंग की गई थी। ताकि, वाहन अंदर न जा सके। इससे भी श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानी उठानी पड़ी।

अनुमान से दोगुनी भीड़ पहुंचने से रुद्राक्ष वितरण भी नहीं हो सका। शाम को रुद्राक्ष को लेकर लूटमार जैसी स्थिति भी बन गई थी, इसलिए रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया। पं. प्रदीप मिश्रा ने भी कहा है कि अब सालभर रुद्राक्ष श्रद्धालुओं को दिए जाएंगे।

सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह से दैनिक भास्कर की बातचीत…

सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने माना है कि प्रशासन के गलत अनुमान के कारण हालात बिगड़े थे। असल में आयोजक श्रद्धालुओं के आने का सटीक अंदाजा नहीं लगा पाए थे।

सवाल- रुद्राक्ष महोत्सव में कितने श्रद्धालु शामिल हुए?

सीहोर कलेक्टर- रुद्राक्ष महोत्सव में 20 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। पहले दिन बड़ी ज्यादा संख्या में आए। दूसरे दिन 3 लाख लोग शामिल रहे।

सवाल- महोत्सव को लेकर क्या तैयारियां थीं?

सीहोर कलेक्टर- पिछले महोत्सव से सबक लेते हुए अबकी बार पार्किंग स्थल बढ़ाए गए। 500 एकड़ में पार्किंग बनाई गई थीं। 5 नए रास्ते बनाए थे। पहले दिन 20 लाख लोग आए। वे परेशान जरूर हुए, लेकिन अपने गंतव्य स्थल पर चले गए। यह सुकून वाली बात रही।

सवाल- किसकी चूक मानते हैं, समिति या प्रशासन की?

सीहोर कलेक्टर- आयोजन समिति को अनुमान था कि छह दिन में करीब 10 लाख लोग आएंगे। एक दिन में कभी भी 3 लाख से ज्यादा लोग नहीं आएंगे। ये अनुमान गलत निकला। पहले ही दिन लाखों लोग पहुंच गए। सुबह के समय 20 लाख लोग पहुंच गए। वे करीब डेढ़ लाख वाहनों से आए। इससे हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। कुबेरेश्वर धाम हाईवे से 400 मीटर दूर ही है। ऐसे में अलग रास्ता नहीं बचा था। जैसे-तैसे हालात काबू में आए। श्रद्धालुओं को अंदर पहुंचाने के बाद ही ट्रैफिक खोला गया। अनुमान से अधिक भीड़ आने से यह स्थिति बनी है।

सीहोर कलेक्टर- भविष्य में ऐसे हालात न बनें, इसके लिए आयोजन समिति से अनुरोध किया है कि प्री-रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करे। ऐसे में पता चल सकेगा कि कितनी भीड़ आएगी। वे ट्रेन, बस या प्राइवेट वाहनों से आएंगे। रजिस्ट्रेशन का सिस्टम जब तक नहीं होता, तब तक ऐसे हालात बने रहेंगे।

सवाल- महिला और बच्चे की मौत मामले में क्या केस दर्ज होगा?

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