CG News: स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में खाने को मिलेगा मिलेट्स, सीएम बघेल के प्रस्ताव को भारत सरकार ने दी मंजूरी…!

राजेन्द्र देवांगन
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रिपोर्टर मनोज शुक्ला

CG News: स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में खाने को मिलेगा मिलेट्स, सीएम बघेल के प्रस्ताव को भारत सरकार ने दी मंजूरी…!

छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को अब मध्या- भोजन में मिलेट्स(मोटे अनाज कोदो, कुटकी, रागी आदि) परोसा जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रस्ताव को भारत सरकार ने दी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय शि‍क्षा मंत्री को पत्र लिखकर 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर चार दिन मिलेट्स से निर्मित खाद्य सामग्री वितरित करने की अनुमति मांगी थी।

इसे केंद्र ने स्वीकृ त कर दिया है। मध्या- भोजन में मिलेट्स मिलने से बच्चों का सुपोषण्ा बेहतर होगा, साथ ही मिलेट्स का उत्पादन कर रहे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। स्कूल शि‍क्षा के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने बताया कि 12 जिलों में से अभी तक सात जिलों के नाम तय हो चुके हैं, जिन जिलों के बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। इनमें दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार और बलरामपुर शामिल है। पांच अन्य जिलों के नाम तय करना बाकी है। मिलेट्स के लिए केंद्रांश के रूप में 178 करोड़ और राज्यांश के रूप में 119 करोड़ रुपये खर्च होगा।

गौरतलब है कि कोदो, कुटकी-रागी जैसे मिलेट का समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 60 लाख रुपये मूल्य की 18 हजार 328 क्विंटल कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी हो चुकी है। कोदो की खरीदी 30 रुपये प्रति किलो, कुटकी 31 रुपये और रागी 35.78 रुपये प्रति किलो की दर से की जा रही है। अब तक 15 हजार 889 क्विंटल कोदो, 793 क्विंटल कुटकी और एक हजार 646 क्विंटल रागी की खरीदी की जा चुकी है। इसके अलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को नौ हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।

पीएम कर चुके हैं प्रदेश की प्रशंसा

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात कार्यक्रम में मिलेट्स की भी प्रशंसा की थी। इसके पहले भी प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की थी तब पीएम ने मिलेट्स की सराहना की थी और रायपुर में मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह दी थी। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री से केंद्रीय स्तर पर मोटे अनाज को समर्थन मूल्य मंे खरीदने की मांग की थी। केंद्रीय बजट में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आपूर्ति के लिए इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ मिलेट्स का गठन करने का निणर््ाय लिया जा चुका है।

इतने बच्चों के लिए चल रही मध्या- भोजन

इस योजना के तहत प्रदेश के सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के 30 लाख विद्यार्थियों को पका हुआ गरम पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इनमें 146 विकासखंडों में 31 हजार 587 प्राइमरी और 13 हजार 711 मिडिल स्कूल शामिल हैं। इस योजना के चलते पिछले वर्षों में स्कूलों में विद्यार्थियों के शाला त्यागने की दर में कमी आई है। साथ ही कुपोषण भी कम हुआ है। आने वाले सत्रों में सभी विकासखंडों में मिलेट्स वितरित किया जा सकता है।



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