बिलासपुर शहर का सिरगिट्टी से तिफरा को जोड़ने वाला जर्जर ब्रिज लगातार हादसे का इंतजार कर रहा है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे, खम्भों में लाइट नहीं, रात में अंधेरा — लेकिन फिर भी विभागीय अधिकारी इस समस्या को लेकर पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं।
सबसे बड़ी बात — हर हफ्ते होने वाली कलेक्टर की टी.एल. (Time Limit) बैठक में भी इस गंभीर समस्या पर अब तक कोई ठोस संज्ञान नहीं लिया गया है।
जिले में हर सप्ताह टीएल बैठक इसलिए होती है कि
✔ लंबित कामों की समीक्षा हो
✔ अधिकारियों की जवाबदेही तय हो
✔ शहर की बड़ी समस्याओं पर तुरंत निर्णय लिया जाए
लेकिन, सिरगिट्टी–तिफरा ब्रिज की समस्या महीनों से जस की तस है।
शहरवासी सवाल उठा रहे हैं —
क्या टीएल बैठक सिर्फ खानापूर्ति के लिए ली जा रही है?
क्या अधिकारी सिर्फ हाज़िरी भरने आते हैं?
शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार सड़क व ब्रिज की बदहाली की शिकायत की है।
फिर भी
– न सड़क की मरम्मत शुरू हुई
– न स्ट्रीट लाइट लगी
– न सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया गया
लोगों का कहना है कि रात में अंधेरा होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
अधिकारी चुप… जनता परेशान
बारिश के बाद ब्रिज की हालत और बिगड़ गई है।
वाहन चालक रोज जोखिम उठाकर यहां से गुजर रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है —
“समस्या गंभीर है, फिर भी न PWD जाग रहा है, न नगर निगम, न जिला प्रशासन।”
रोजाना हजारों लोगों की जान खतरे में
यह पुल रोजाना स्कूल के बच्चे, दफ्तर जाने वाले लोग और भारी वाहन झेल रहा है।
जर्जर हालत इतनी खराब कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन विभाग सिर्फ कागज़ों में काम चल रहा है वाला रवैया अपनाए बैठा है।

