सीजीपीएससी घोटाला: CBI को छापेमारी में मिले पुख्ता सबूत, सिंडिकेट से जुड़े बड़े चेहरों पर जल्द गिर सकती है गाज़

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। रायपुर और महासमुंद के पांच ठिकानों पर शुक्रवार को हुई छापेमारी में CBI को कई अहम दस्तावेज और सुराग मिले हैं, जिससे भर्ती घोटाले में शामिल सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान संभव हो पाई है।

CBI ने जिन स्थानों पर कार्रवाई की उनमें रायपुर के तीन और महासमुंद के दो ठिकाने शामिल हैं। इनमें सरकारी डॉक्टर का निवास, एक अभ्यारण्य का गेस्ट हाउस, निजी होटल और कोचिंग संस्थान जैसे संवेदनशील स्थल शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इन छापों के दौरान कुछ बड़े नाम सामने आए हैं, जो अभ्यर्थियों के चयन में बिचौलियों की भूमिका निभा रहे थे।

वीआईपी सिफारिशों की लंबी सूची, पैसे का खेल उजागर

CBI की जांच में यह भी सामने आया है कि पूर्व CGPSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के कार्यकाल में 2019 से 2022 के बीच हुए चयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। आरोप है कि कई प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों को सिफारिश और पैसों के दम पर नौकरी दिलवाई गई। सोनवानी समेत पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर और नितेश सोनवानी पहले से ही जेल में हैं।

CBI को जांच में ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि कांग्रेस नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के करीब 18 रिश्तेदारों को नियमों को ताक पर रखकर सरकारी पदों पर नियुक्त किया गया। भर्ती प्रक्रिया में पैसों के लेन-देन के सबूत भी सामने आए हैं, जिससे यह मामला और गहरा गया है।

2021 की PSC परीक्षा बनी विवाद की जड़

CGPSC परीक्षा 2021 में कुल 171 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई जिसमें 2565 उम्मीदवार सफल हुए। इसके बाद मई 2022 में आयोजित मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई। अंततः मई 2023 में 170 उम्मीदवारों की फाइनल चयन सूची जारी की गई, जिसके बाद से चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे।

जल्द हो सकती हैं और गिरफ्तारियाँ

CBI की ओर से यह संकेत दिया गया है कि रेड में मिले दस्तावेजों के आधार पर जल्द ही घोटाले में शामिल अन्य प्रभावशाली लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। घोटाले के बढ़ते दायरे को देखते हुए यह मामला छत्तीसगढ़ की भर्ती प्रणाली में गहराई से फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।


CGPSC भर्ती घोटाला: CBI की रेड से VIP सिफारिशें उजागर, जानिए कब-कब क्या हुआ इस पूरे मामले में

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला अब प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा घोटालों में से एक बनता जा रहा है। प्रारंभिक जांच से लेकर अब तक CBI की छापेमारी और गिरफ्तारी के कई चरण पूरे हो चुके हैं। इस घोटाले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रतिभा से ज्यादा पावर और पैसे का दबदबा ही नौकरी दिलाता है?

आइए जानते हैं, इस हाई-प्रोफाइल घोटाले की अब तक की पूरी कहानी


शुरुआत: 2021 की PSC परीक्षा बनी शक के घेरे में

  • 13 फरवरी 2022 को CGPSC द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में 171 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई।
  • परीक्षा में कुल 2565 अभ्यर्थी पास हुए।
  • 26–29 मई 2022 के बीच मुख्य परीक्षा आयोजित हुई जिसमें 509 उम्मीदवार सफल रहे।
  • 11 मई 2023 को आयोग ने 170 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी कर दी।

इसी चयन सूची के बाद कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि अपात्र उम्मीदवारों को चुना गया, और असल टैलेंटेड छात्रों को जानबूझकर बाहर कर दिया गया।


जांच की माँग और शुरुआती केस दर्ज

  • असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की शिकायत की।
  • EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और अर्जुंदा पुलिस ने इस संबंध में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की।
  • पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके बेटे नितेश सोनवानी, और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर पर केस दर्ज हुआ और उन्हें जेल भेजा गया

CBI की एंट्री और मामला गंभीर

  • राज्य सरकार ने मामला CBI को सौंप दिया
  • CBI ने जांच के बाद पाया कि 2019 से 2022 तक CGPSC की कई परीक्षाओं में व्यवस्थित गड़बड़ी की गई है।
  • आरोप है कि VIP नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और आयोग के अधिकारियों के करीबियों को नियमों को दरकिनार कर चयनित किया गया।

रेड और खुलासे: छापेमारी में सामने आए अहम सुराग

  • 12 अप्रैल 2024 को CBI ने रायपुर और महासमुंद के कुल 5 ठिकानों पर छापेमारी की।
    • इसमें एक सरकारी डॉक्टर का घर, गेस्ट हाउस, एक निजी होटल, और कोचिंग संस्थान शामिल थे।
  • छापेमारी में मिले दस्तावेजों से ये स्पष्ट हुआ कि दलालों और बिचौलियों के माध्यम से चयन प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।
  • सूत्रों की मानें तो 18 से अधिक VIP सिफारिशें और पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत CBI के हाथ लगे हैं।

अब क्या होगा?

  • CBI के अनुसार, यह घोटाला सिर्फ तीन लोगों तक सीमित नहीं है। इसमें एक संगठित सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें कोचिंग संस्थान, बिचौलिए, और कुछ सरकारी अफसर भी शामिल हो सकते हैं।
  • CBI जल्द ही नई गिरफ्तारियों के लिए तैयारी कर रही है।
  • कई बड़े नाम और नेताओं के रिश्तेदारों के चयन की जांच भी अब तेज हो गई है।

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