बिलासपुर में आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, 28 निजी अस्पतालों पर कार्रवाई

राजेन्द्र देवांगन
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सरकारी टीम की छापेमारी में खुला गड़बड़ी का पर्दाफाश, 15 अस्पताल योजना से बाहर

बिलासपुर: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना, जिसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है, अब गंभीर आरोपों के घेरे में है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बिलासपुर के कई निजी अस्पतालों में छापेमारी की, जहां बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।

अस्पतालों ने मरीजों के नाम पर किया फर्जीवाड़ा
जांच के दौरान यह सामने आया कि कई निजी अस्पतालों ने योजना का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से सरकार से भुगतान का दावा किया। आरोप है कि नोबल, महादेव, शिशु भवन और एलाइट अस्पतालों समेत कई संस्थानों ने स्वस्थ नवजात शिशुओं को कुपोषित दिखाकर अधिक धनराशि का क्लेम किया। इसके अलावा सामान्य मरीजों के इलाज को जटिल दिखाकर अनावश्यक बिल बनाए गए।

स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 28 निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इनमें से:

  • 15 अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया गया है।
  • 8 अस्पतालों को 3 से 6 महीने के लिए निलंबित किया गया है।
  • 5 अन्य अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

आगे भी जारी रहेगी जांच
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच अभी जारी है और यदि आगे भी ऐसे मामलों का खुलासा होता है तो और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सभी निजी अस्पतालों को योजना के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी दी है।

आयुष्मान भारत योजना पर सवाल
इस खुलासे के बाद योजना की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। यह मामला दर्शाता है कि बिना प्रभावी निगरानी के किसी भी योजना का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है। फिलहाल सरकार ने इस संबंध में जांच तेज करने के निर्देश दिए हैं।

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