बिलासपुर. सड़क चौड़ीकरण के लिए इन दिनों जिला प्रशासन के द्वारा सड़क किनारे लगे हरे भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है तो वही जगमल चौक तोरवा से लेकर लाल खदान ओवरब्रिज तक पेड़ों की कटाई की गई है। जिसका विरोध अब क्षेत्रवासियों के द्वारा किया जा रहा है। रविवार को पेड़ कटाई के विरोध में क्षेत्रवासी आंदोलन पर बैठ गए।
पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि पेड़ों की संरक्षा की जाए लेकिन पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि पेड़ों की तेजी से बलि दी जा रही है जिसकी वजह से पर्यावरण पर भी इसका खासा असर पड़ा है। बिलासपुर में भी पिछले कुछ समय में विकास के नाम पर पेड़ों की तेजी से बनी चढ़ाई जा रही है जिससे यहां का पर्यावरण भी तेजी से बदला है, परंतु जिला प्रशासन के द्वारा विकास के नाम पर अब शहरों के अंदर लगे पेड़ को भी काटने की कवायद की जा रही है।
दरअसल बढ़ते शहर की वजह से ट्रैफिक का दबाव भी सड़कों पर बढ़ते जा रहा है ऐसे में अब सड़कों के चौड़ीकरण की आवश्यकता भी होने लगी है। यही वजह है कि अब सड़क किनारे लगे विशालकाय हरे भरे पेड़ों को जिला प्रशासन ने काटकर सड़क बनाने की योजना तैयार कर उस पर कार्य शुरू किया लेकिन हरे भरे पेड़ों को काटने की वजह से क्षेत्र वासियों में काफी आक्रोश है जिसे देखते हुए अब इस पर विरोध भी शुरू हो गया है। जगमल चौक तोरवा से लाल खदान ओवरब्रिज तक सड़क चौड़ीकरण के लिए हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है जबकि क्षेत्रवासियों का कहना है कि मौजूदा समय में इस सड़क पर ट्रैफिक का इतना दबाव नहीं है कि पेड़ों को काटा जाए अगर इसकी वैकल्पिक व्यवस्था हो सकती है तो जिला प्रशासन को उस दिशा में पहल करनी चाहिए इस तरह हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ाना किसी भी तरह से उचित नहीं है इसी मांग को लेकर रविवार से क्षेत्रवासी पर्यावरण सत्याग्रह पर बैठ गए। इस दौरान क्षेत्र वासियों ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए कहा कि इस तरह पेड़ों की बलि चढ़ाई जाना किसी भी तरह से उचित नहीं है लिहाजा अगर प्रशासन सड़क चौड़ीकरण करना चाहता भी है तो इन पेड़ों को काटे बिना सड़क का चौड़ीकरण किया जा सकता है।ऐसे में क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन के द्वारा इस आंदोलन के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई तो उग्र आंदोलन के माध्यम से पेड़ों को काटने से रोका जाएगा। निश्चित तौर पर पिछले कुछ सालों पर नजर डालें तो सड़क निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने शहर के अंदर लगे कई हरे भरे पेड़ों को काट डाला है, लेकिन कई ऐसे शहर है जिन्होंने पेड़ों की संरक्षा कर सड़क बनाकर सुविधा प्रदान की है ऐसे में अगर बिलासपुर में भी या व्यवस्था की जाए तो निश्चित ही कई पेड़ों की संरक्षा की जा सकती है निश्चित तौर पर या पर्यावरण सत्याग्रह पेड़ों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर पेड़ का संरक्षण नहीं होगा तो पर्यावरण पर इसका असर होगा जिससे जीवन पर भी असर पड़ना तय है।