बिलासपुर। नगर निगम और प्रशासन लगातार दावे कर रहे हैं कि तिफरा स्थित हाई-टेक बस स्टैंड का कायाकल्प किया जा रहा है। करोड़ों रुपये खर्च कर नई व्यवस्था लागू करने की बातें की जा रही हैं। लेकिन हकीकत यह है कि बस स्टैंड की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है।
सफाई और व्यवस्था ठप
परिसर में जगह-जगह गंदगी फैली है, यात्रियों के बैठने तक की समुचित व्यवस्था नहीं है।
– जिन कुर्सियों और टर्मिनल भवन के नवीनीकरण का दावा किया गया था, वहां पुरानी टूटी-फूटी कुर्सियां और गंदे फर्श यात्रियों को नज़र आते हैं।
प्रकाश और सुरक्षा व्यवस्था नाकाम
रात के समय बस स्टैंड अंधेरे में डूबा रहता है। कई लाइटें बंद पड़ी हैं।
– सुरक्षा के नाम पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। कंट्रोल रूम का भी कोई असर दिखाई नहीं देता।
रैन-बसेरा और टॉयलेट बेहाल

यात्रियों के ठहरने के लिए बनाए गए रैन-बसेरे पर ताले लटके रहते हैं।
– शौचालयों की हालत सबसे बदतर है, सफाई नहीं होने से यात्री परेशान रहते हैं।
डिजिटल सूचना सिर्फ कागज़ पर
– बसों की जानकारी देने के लिए लगाए गए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड अक्सर बंद रहते हैं। यात्री पुराने अंदाज़ में पूछताछ पर निर्भर हैं।
पानी और नाली की समस्या जस की तस
– नाले और नालियां जाम हैं, हल्की बारिश में परिसर जलभराव से भर जाता है।
– पीने के पानी की व्यवस्था भी अव्यवस्थित है। प्याऊ और वाटर कूलर खराब पड़े रहते हैं।
यात्रियों की परेशानी
यात्रियों का कहना है कि यह हाई-टेक बस स्टैंड सिर्फ नाम का है। सुविधाएं देने की बजाय अव्यवस्था और बदहाली यहां आम बात है। सरकार और निगम के करोड़ों खर्च के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
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