नोटिस बनाम न्यूज”: रतनपुर में पत्रकार और ASI आमने-सामने, मामला पहुँचा कप्तान दरबार की दहलीज पर

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर के रतनपुर में एक स्थानीय पत्रकार को पुलिस अधिकारी द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस ने जिले में सुशासन से अधिक “सत्ता बनाम सच” की बहस को जन्म दे दिया है। मामला सामने आया है पुलिस विभाग के एएसआई नरेश गर्ग और एक पत्रकार के बीच, जिसमें पत्रकार द्वारा एक खबर प्रकाशित किए जाने के बाद अधिकारी ने नोटिस भेजते हुए पत्रकारिता की डिग्री और खबर के सबूत मांगे हैं।

जाने क्या है पूरा मामला:
पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि स्थानीय थाना क्षेत्र में कुछ शराब माफिया पकड़े गए थे, लेकिन कथित तौर पर बीस हजार रुपये के लेन-देन के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। आश्चर्यजनक रूप से वही आरोपी दो दिन बाद फिर से पकड़े गए। इस पर खबर प्रकाशित हुई, और उसी के जवाब में पत्रकार को एएसआई गर्ग की ओर से एक पंजीकृत कानूनी नोटिस थमा दिया गया।

सवाल के घेरे में साहब :
नोटिस में कहा गया है कि प्रकाशित खबर से अधिकारी को “मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक क्षति” पहुँची है। साथ ही पत्रकार से 7 दिनों के भीतर जवाब देने, सबूत पेश करने और अपनी शैक्षणिक व पेशेवर योग्यताओं का विवरण मांगा गया है।

इस पर पत्रकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है, “मैंने कोई कहानी नहीं लिखी, तथ्य लिखे हैं। मेरे पास दस्तावेज़, बयान और सबूत हैं — और अब यह सब पुलिस कप्तान के सामने रखा जाएगा।”

नोटिस में कहा गया है कि प्रकाशित खबर से अधिकारी को “मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक क्षति” पहुँची है। साथ ही पत्रकार से 7 दिनों के भीतर जवाब देने, सबूत पेश करने और अपनी शैक्षणिक व पेशेवर योग्यताओं का विवरण मांगा गया है।

इस पर पत्रकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है, “मैंने कोई कहानी नहीं लिखी, तथ्य लिखे हैं। मेरे पास दस्तावेज़, बयान और सबूत हैं — और अब यह सब पुलिस कप्तान के सामने रखा जाएगा।”

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