राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘एक देश-एक चुनाव’ पर की महत्वपूर्ण टिप्पणी, वित्तीय बोझ में कमी और संसाधनों के बेहतर उपयोग की संभावना जताई

राजेन्द्र देवांगन
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संबोधित करते हुए ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक के महत्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति ने इसे देश में सुशासन को बेहतर बनाने वाला एक महत्वपूर्ण सुधार बताया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से चुनावों को एक साथ कराए जाने से नीतियों में रुकावटें कम होंगी, संसाधनों का सही उपयोग होगा और वित्तीय बोझ भी घटेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक का उद्देश्य केवल चुनावी खर्च में कमी लाना नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाना है। इसके अलावा, राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि सरकार ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों को बदलने के प्रयास में है, और इसके तहत नए कानूनों का निर्माण किया जा रहा है, जो पुराने आपराधिक कानूनों को खत्म करेंगे।

इस दौरान राष्ट्रपति ने क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में इनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी जोर दिया। उन्होंने गुजरात के वडनगर में भारत के पहले पुरातात्विक अनुभवात्मक संग्रहालय के निर्माण की जानकारी दी।

राष्ट्रपति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की हाल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान में एक नई दिशा में अग्रसर है। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में विश्व चैंपियन बने युवा खिलाड़ी डी. गुकेश की सफलता का भी उल्लेख किया।

राष्ट्रपति के इस संबोधन ने देश के विभिन्न विकासात्मक प्रयासों और सुधारों की दिशा को स्पष्ट किया और देशवासियों को एकता और समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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