राजनांदगांव कॉन्स्टेबल भर्ती घोटाला: कांग्रेस ने भाजपा पर मुख्य आरोपियों को बचाने का लगाया आरोप, अब तक छह गिरफ्तार

राजेन्द्र देवांगन
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कांग्रेस की प्रेसवार्ता: गड़बड़ियों पर सरकार को घेरा
राजनांदगांव कॉन्स्टेबल भर्ती में लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस ने प्रेसवार्ता की। शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा और ग्रामीण अध्यक्ष भागवत साहू ने सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में अंडर हाइट अभ्यर्थियों को शामिल करने, नेशनल गेम्स के फर्जी प्रमाण पत्रों के उपयोग, और अंकों में छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह जांच में सहयोग करने की बजाय अधिकारियों को बचाने में जुटी है।

जांच में गड़बड़ी: छह गिरफ्तार, कई सवाल अनुत्तरित
लालबाग टीआई नवरतन कश्यप ने बताया कि अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें चार आरक्षक और दो टेक्निकल टीम के सदस्य शामिल हैं। जांच में पाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में चेकिंग के दौरान गंभीर अनियमितताएं हुईं।

गिरफ्तार लोगों की सूची:

  1. महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी
  2. महिला आरक्षक परिधि निषाद
  3. आरक्षक धर्मराज मरकाम
  4. आरक्षक योगेश कुमार धुर्वे
  5. टेक्निकल टीम के सदस्य नुतेश्वरी धुर्वे
  6. टेक्निकल टीम के सदस्य पवन कुमार साहू

गड़बड़ियों के आरोप:

  • अंडर हाइट अभ्यर्थियों को गलत तरीके से भर्ती में शामिल करना।
  • नेशनल गेम्स के फर्जी प्रमाण पत्र और डिग्रियों का उपयोग।
  • अंकों में छेड़छाड़ करके अयोग्य उम्मीदवारों को पात्र बनाना।

कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस भर्ती घोटाले ने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने मांग की कि मुख्य आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और निष्पक्ष जांच हो।

भाजपा ने आरोपों को खारिज किया
भाजपा प्रवक्ता ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से चल रही है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

आगे की जांच और कार्रवाई की मांग
यह मामला अब राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है। कांग्रेस ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, जबकि भाजपा का कहना है कि जांच निष्पक्ष तरीके से हो रही है। जनता को अब यह देखना है कि इस मामले में सरकार क्या कदम उठाती है और भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित की जाती है।

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