छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में करंट लगने से एक नर हाथी की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज के छतवा गांव की है। जंगली सुअरों के शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आकर हाथी की जान चली गई। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य दो फरार हैं।
घटना का विवरण:
गुरुवार सुबह रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज के छतवा गांव के जंगल में एक नर हाथी का शव मिलने की सूचना मिली। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव का निरीक्षण किया। पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ कि हाथी की मौत बिजली के करंट लगने से हुई है।
गांव वालों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी:
वन विभाग ने ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की। इस दौरान गांव के ही हरि सिंह और परमेश्वर सिंह पर शक हुआ। हिरासत में लेकर की गई पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि जंगली सुअरों का शिकार करने के लिए जंगल में बिजली के तार बिछाए थे। दुर्भाग्य से नर हाथी उस करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई।
आरोपियों की गिरफ्तारी:
वन विभाग के रेंजर संतोष पांडे ने बताया कि आरोपियों हरि सिंह और परमेश्वर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके अलावा घटना में शामिल दो अन्य आरोपी फरार हैं। पुलिस और वन विभाग की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।
वन्यजीव संरक्षण पर सवाल:
इस घटना ने एक बार फिर से जंगलों में अवैध शिकार और वन्यजीव संरक्षण की कमजोरियों को उजागर किया है। वन विभाग के अनुसार, जंगली सुअरों का शिकार करने के लिए करंट का इस्तेमाल करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह जंगल के अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी खतरनाक है।
हाथी की मौत से जुड़ी चिंताएं:
हाथी भारत के सबसे महत्वपूर्ण और संरक्षित वन्यजीवों में से एक है। उनकी घटती संख्या वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। इस घटना ने संरक्षण कानूनों को और सख्ती से लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
आगे की कार्रवाई:
वन विभाग ने हाथी की मौत के इस मामले को गंभीरता से लिया है। रेंजर संतोष पांडे ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार करने के लिए पुलिस और वन विभाग की टीम संयुक्त रूप से काम कर रही है।
निष्कर्ष:
यह घटना मानव और वन्यजीव संघर्ष का एक और उदाहरण है। अवैध शिकार न केवल वन्यजीवों के लिए खतरा है, बल्कि यह पर्यावरण और जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाता है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता, सख्त कानूनों और उनकी प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है।
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