दुर्ग और राजनांदगांव जिला की सीमा पर स्थित रसमढ़ा इंडस्ट्रियल एरिया के पास कोपेडीह ग्राम पंचायत में एक आयरन कंपनी का निर्माण तेजी से चल रहा है, लेकिन अब गांव के लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस कंपनी से प्रदूषण बढ़ेगा, जो उनके जीवन और स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
गलत जानकारी के आधार पर मिली एनओसी: सरपंच का आरोप
ग्राम पंचायत की सरपंच यमुना साहू ने आरोप लगाया कि कंपनी ने कई साल पहले ग्राम पंचायत से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त किया था, लेकिन यह गलत जानकारी देकर लिया गया था। सरपंच ने कहा कि कंपनी ने गलत तरीके से जनसुनवाई की और ग्राम पंचायत से जो एनओसी प्राप्त की थी, वह दरअसल दूसरी कंपनी के नाम पर दी गई थी। इसके बाद ग्राम पंचायत ने बैठक बुलाकर इस मामले पर पुनर्विचार किया और सर्वसम्मति से एनओसी को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया। सरपंच ने इस बारे में राजनांदगांव कलेक्टर को भी सूचित किया।
ग्रामीणों का विरोध, चक्काजाम और धरना प्रदर्शन
इसके बावजूद कंपनी का निर्माण कार्य जारी रहा, जिसके विरोध में ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर चक्काजाम किया। ग्रामीणों ने कंपनी के गेट के सामने धरना दिया और कई घंटे तक न तो किसी को अंदर जाने दिया और न ही बाहर निकलने दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें पहले यह जानकारी नहीं थी कि यहां कौन सी कंपनी स्थापित हो रही है। जब उन्हें पता चला कि यहां स्पंज आयरन की फैक्ट्री बनाई जा रही है, तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
ग्रामीण परस साहू ने कहा, “हमें पहले किसी ने भी यह जानकारी नहीं दी थी कि यहां कोई फैक्ट्री बन रही है। न तो कंपनी का कोई बोर्ड लगा है, न ही कोई सूचना दी गई है। बाद में पता चला कि यह कल्याणी इस्पात कंपनी है, जिसने एनओसी ली थी, लेकिन अब यहां दूसरी कंपनी काम कर रही है।”
प्रदूषण की चिंता, आंदोलन में बढ़ती नाराजगी
ग्रामीणों का कहना है कि इस फैक्ट्री के चलते प्रदूषण बढ़ेगा और उनके गांव का पर्यावरण खराब होगा। उनका मानना है कि अगर इस कंपनी का निर्माण नहीं रुका, तो वे जीई रोड पर और उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कंपनी का निर्माण कार्य नहीं रोका गया, तो वे आगे और गंभीर कदम उठाएंगे।
पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शन जारी
प्रदर्शन के दौरान सोमनी पुलिस भी मौके पर मौजूद थी, लेकिन पुलिस के समझाने के बावजूद ग्रामीण अपने आंदोलन में डटे रहे। ग्रामीणों ने कंपनी के गेट को बंद कर दिया, जिससे कंपनी का काम कुछ घंटों तक रुक गया।
ग्रामीणों की आगामी योजना
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि कंपनी का निर्माण कार्य नहीं रोका गया और उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे और भी उग्र आंदोलन करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय लोग अपनी भूमि और पर्यावरण को लेकर गंभीर हैं और अपनी मांगों को लेकर किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं।