अपराधियों को बचाने पुलिस अपने कानूनी अधिकार का कैसे दुरुपयोग करती है, यह कारनामा बिलासपुर में देखने को मिला। पुलिस ने 12 दिन पहले गैंगवार और जानलेवा हमला करने वालों को बचाने के लिए जमानतीय धारा के तहत केस दर्ज किया।
जिसके बाद डॉक्टर के मेडिकल रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने हमलावरों को पकड़ा और थाने से छोड़ दिया।
अब उस केस में जानलेवा हमले की धारा हटाने के लिए डॉक्टर के मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए क्वेरी कराई जा रही है। मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है।दरअसल, 12 दिन पहले एक शादी समारोह के दौरान गैंगवार हो गया था। इस दौरान दो युवकों की बेरहमी से पिटाई कर उन्हें अधमरा कर दिया गया।
आरोप है कि युवक शादी में बिना निमंत्रण के युवक पहुंच गए थे। इसके बाद कुल्हाड़ी, बेस बैट और हॉकी स्टिक से दौड़ा-दौड़ाकर मारपीट की गई।इनमें एक युवक के सिर पर 30 टांके लगे हैं और उसकी हालत गंभीर है। वहीं, इस वारदात में उसके दो दोस्त भी बुरी तरह से घायल हो गए। बावजूद इसके पुलिस ने हमलावरों पर साधारण मारपीट का केस दर्ज किया।
वहीं, इस हमले में घायल युवकों पर भी काउंटर केस दर्ज कर लिया।मेडिकल रिपोर्ट पर जोड़ी हत्या के प्रयास की धाराइस केस में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए, तब मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इस केस में पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ जानलेवा हमला करने की धारा जोड़कर जांच शुरू कर दी।
पांच आरोपियों को पकड़कर थाने से छोड़ाजब हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया, तब घटना के 11 दिन बाद शुक्रवार को पांच आरोपियों को पकड़ा गया।
इस दौरान उन्हें करीब 7 घंटे थाने में बैठाने के बाद पुलिस ने छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस अफसरों के दबाव में गैरजमानतीय केस में भी आरोपियों को छोड़ दिया गया।धारा हटाने पुलिस की मेडिकल रिपोर्ट पर उठाए सवाल पीड़ित पक्ष का आरोप है कि, पहले पुलिस ने जानबूझकर जानलेवा हमले का केस दर्ज नहीं किया। जब मेडिकल रिपोर्ट आई, तब हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया।
वहीं, अब डॉक्टर के मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए पुलिस ने दोबारा मेडिकल रिपोर्ट का क्वेरी कराने के लिए पत्र लिखा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि, आरोपियों के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास की धारा को हटाई जा सके।तीन युवकों को हमलावरों ने किया था अधमरा पुराना बस स्टैंड के पास स्थित जगन्नाथ मंगलम भवन में 25 नवंबर की रात कश्यप परिवार के यहां शादी समारोह थी।
इस समारोह में तेलीपारा निवासी शैलेष कश्यप, उसका दोस्त मनीष गुप्ता उर्फ नंदू, अभिनव सोनी व अन्य को भी बुलाया गया था। लिहाजा, सभी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। रात में जब सभी गेट के पास पहुंचे, तब बव्वन, उदित, कुश, ओम और गुन्नी कश्यप खड़े थे।उन्होंने शैलेश और उसके दोस्तों को रोक लिया।
बिना निमंत्रण कार्यक्रम में जबरदस्ती प्रवेश करने आरोप लगाया। इस दौरान शैलेष और उसके दोस्तों ने निमंत्रण पर ही आयोजन में शामिल होने की बात कही, जिसके बाद बव्वन और उसके अन्य दोस्तों व रिश्तेदारों ने गाली देते हुए मारपीट शुरू कर दी। देखते ही देखते उन्होंने बेस बेट, हॉकी स्टीक निकाल ली गई।इस दौरान युवक उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर मारते रहे,
जिसके चलते अफरा-तफरी मच गई। इस हमले में शैलेष, मनीष अभिनव व एक अन्य को काफी चोट आई। मनीष मौके पर ही खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गया। वहां मौजूद लोगों ने विवाद शांत कराया। इसके बाद शैलेष को उसके दोस्तों ने अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों को मनीष के सिर 30 टांगे लगाने पड़े।
वहीं, मनीष और अभिनव भी बुरी तरह से घायल हो गए।एएसपी बोले- अभी जांच चल रही एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल का कहना है कि, दो पक्षों के बीच मारपीट में अपराध दर्ज किया गया था। इस मामले में विवेचना जारी है। मेडिकल रिपोर्ट की क्वेरी कराई जा रही है। आरोपियों को थाने लाया गया था। आरोपियों पर अजमानतीय धाराएं लगाई है और जांच चल रही है।
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