बिलासपुर। राज्य महिला आयोग ने पति पत्नी के बीच तलाक के लिए समझौता कराया। पत्नी की मांग थी कि पति उसे पांच लाख रूपये दे। तलाक के लिए पति ने रूपये देने की बात ना केवल स्वीकार कर लिया है वरन आज आयोग के सामने पत्नी के नाम एक्सीस बैंक से दो लाख रुपये का डीडी भी सौंप दिया। डीडी मिलने के बाद एक और समझौता हुआ। शेष राशि पति को दो किश्तों में पत्नी को देनी होगी। अंतिम किश्त की राशि आयोग के रायपुर स्थित दफ्तर में देना होगा।
पत्नी के नाम दो लाख रुपये डीडी की फोटो प्रति को आयोग ने रिकार्ड में रख लिया है। शेष तीन लाख रूपये की राशि दो किश्तो में पत्नी को देने का निर्देश आयोग ने दिया है। दोनों किश्तों की अदाएगी महिला आयोग रायपुर में आवेदिका को प्रदान किया जाएगा। जिसकी तिथि दोनों पक्षों की सहमति पर तय किया जायेगा। इस हेतु आयोग की अधिवक्ता भारद्वाज को मध्यस्थ नियुक्त किया गया है। आयोग के समक्ष अनावेदक ने प्रस्ताव रखा कि आपसी राजीनामा तलाक का आवेदन बिलासपुर कुटुम्ब न्यायालय में लगाया जायेगा जिस पर आवेदिका ने अपनी सहमति दे दी है।
इन शर्तों पर देनी होगी राशि,तब होगा तलाक
न्यायालय में तलाक की प्रक्रिया शुरू होने पर एक किश्त 1.50 लाख रूपये की पति के द्वारा पत्नी को दिया जायेगा तथा दूसरी किश्त दोनों पक्षों की गवाही पूर्ण होने के पूर्व दी जायेगी और शेष बचे किश्त को महिला आयोग के समक्ष दी जाएगी। यह आदेश दोनों पक्षों के लिए बंधनकारी होगी। पत्नी का सामान हैदराबाद के निवास में रखा है जिसे लेने के लिए वह जायेगी और इसकी सूचना पति को एक दिन पहले देनी होगी। पति के अधिवक्ता ने बताया कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन से तलाक एक दिन में निष्पादित हो जाती है। ऐसी दशा में तलाक के आवेदन पर आवेदिका के हस्ताक्षर के पूर्व अनावेदक के द्वारा शेष तीन लाख की राशि एकमुश्त दिया जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में पत्नी और उसके पति के बीच 2.50 लाख रूपये जीवन निर्वाह भत्ता देने का इकरारनामा 19.मार्च.2023 को किया गया था, जिसमें पति और पत्नी के हस्ताक्षर है। इस तथ्य को पति ने स्वीकार किया। उसने यह बताया कि वह बेलगहना रेल्वे में पोर्टर के पद पर कार्यरत था और जून 2023 में सेवानिवृत हो गया है। सेवानिवृति के बाद उसे सात लाख रूपये मिले है। वह और आवेदिका पिछले 15 साल से अलग रह रहे है। सात वर्ष पूर्व दूसरा विवाह कर लिया है और आवेदिका से तलाक भी नहीं लिया है। उसने यह भी बताया कि पहली पत्नी रेलवे के मकान में रहती थी और मकान खाली नहीं कर रही थी जिसके बाद अनावेदक ने आवेदिका को 2.50 लाख देने के एवज में घर खाली करवा दिया गया और आवेदिका को 2.50 लाख रूपये भी अभी तक नहीं दिया है। अनावेदक ने अपनी गलती स्वीकार किया है और 30.सितंबर 2024 को रायपुर महिला आयोग के कार्यालय में आवेदिका के साथ उपस्थित होकर एक लाख रूपये आवेदिका को दिया जावेगा और उसके बाद एक माह बाद बचे राशि 1.50 लाख रूपये अनावेदक के द्वारा आवेदिका को दी जाएगी। राशि नहीं दिये जाने पर कानूनी कार्यवाही करते हुए पेंशन रूकवाने की कार्यवाही की जाएगी।
आवेदिका परिसमापित नागरिक सहकारी बैंक गोलबाजार में चपरासी के पद पर वर्ष 2008 से कार्यरत थी। उसका दो वर्ष सात माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया है प्रतिमाह 5500 रूपये के दर कुल 170500 रुपये वेतन बकाया है। उपस्थित अनावेदक जो बैंक समापक है ने बताया कि आरबीआइ की गाइडलाइन के अनुसार जब बैंक की रिकवरी आ जायेगा तो आवेदिका को उसका बकाया वेतन दे दिया जायेगा। आवेदिका गरीब मजूदर महिला है और इतनी बड़ी राशि का वह लम्बा इंतजार नहीं कर सकती है ऐसी दशा में अनावेदक से आयोग ने कहा है कि वह दो माह के अन्दर 170500 लाख का ब्याज के साथ भुगतान करे ।
सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी के पद पर मंडी परिषद तोरवा में कार्यरत है। मजदूर यूनियन क अध्यक्ष और मजदूर लगातार परेशान करते आ रहे हैं। सुनवाई के दौरान महिला अधिकारी ने आयोग की अध्यक्ष व सदस्य कोअपने मोबाइल पर एक अश्लील मैसेज भेजने की जानकारी दी और दिखाया। आयोग ने आवेदिका को आर्डरशीट की कापी के आधार पर मोबाइल नम्बर के खिलाफ साइबर क्राइम में तत्काल शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी।
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