छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव: आम जनता को अब न रजिस्ट्री दफ्तर के चक्कर, न ही बिचौलियों का झंझट

राजेंद्र देवांगन
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रायपुर, 28 अप्रैल – छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए 10 बड़े बदलाव लागू कर दिए हैं। सोमवार को पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी और इसे जनता के लिए “भविष्य की रजिस्ट्री प्रणाली” बताया।

राज्य के रजिस्ट्री कार्यालयों की पारंपरिक प्रणाली, जहां पहचान के लिए गवाहों की जरूरत, नकद भुगतान और लंबी प्रक्रियाओं की वजह से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता था, अब इतिहास बनने जा रही है। नए बदलावों से अब लोग घर बैठे ही रजिस्ट्री करा सकेंगे और सभी प्रक्रियाएं डिजिटल माध्यम से पारदर्शी तरीके से पूरी होंगी।

ये हैं रजिस्ट्री व्यवस्था में लागू किए गए 10 बड़े बदलाव:

1. आधार लिंक पहचान:

अब संपत्ति रजिस्ट्री के लिए गवाहों पर निर्भरता नहीं रहेगी। आधार कार्ड से जुड़ी बायोमैट्रिक पहचान से वास्तविक मालिक की पुष्टि की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े और जालसाजी पर रोक लगेगी।

2. ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड:

संपत्ति रजिस्ट्री से जुड़ी जानकारी अब पंजीयन कार्यालय जाकर खोजने की जरूरत नहीं। पक्षकार घर बैठे ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं और निर्धारित शुल्क पर पुरानी रजिस्ट्री की प्रतियां डाउनलोड भी कर सकेंगे।

3. भारमुक्त प्रमाण पत्र ऑनलाइन:

संपत्ति पर कोई ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की जानकारी अब ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के जरिए मिलेगी। आवेदन और प्रमाण पत्र दोनों प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

4. एकीकृत कैशलेस भुगतान:

अब नकद भुगतान की आवश्यकता नहीं। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री फीस को एक ही पेमेंट सिस्टम से UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड से अदा किया जा सकेगा।

5. वॉट्सऐप नोटिफिकेशन:

रजिस्ट्री की हर स्थिति – आवेदन, स्लॉट बुकिंग, रजिस्ट्रेशन की प्रगति, पूरा होने की सूचना – अब वॉट्सऐप पर मिलेगी।

6. डिजी-लॉकर इंटीग्रेशन:

रजिस्ट्री दस्तावेज अब डिजी-लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें डिजिटल माध्यम से कहीं भी उपयोग किया जा सकेगा।

7. ऑटो डीड जनरेशन:

अब दस्तावेज तैयार करने के लिए डीड राइटर या स्टांप वेंडर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं। चयनित प्रारूप से ऑटोमेटिक डीड तैयार होगी और पेपरलेस पंजीयन संभव होगा।

8. डिजी-डॉक सुविधा:

सामान्य दस्तावेज जैसे शपथ पत्र, अनुबंध पत्र आदि अब डिजी-डॉक सेवा से खुद तैयार किए जा सकेंगे। डिजिटल स्टांप की सुविधा के साथ आम नागरिक भी कानूनी दस्तावेज बना सकेंगे।

9. घर बैठे रजिस्ट्री:

होम विजिट के माध्यम से घर बैठे पंजीयन, साक्षात्कार और दस्तावेज प्रस्तुत करने की सुविधा अब उपलब्ध है। पारिवारिक दान और हक त्याग जैसे मामलों में सिर्फ 500 रुपये की फीस ली जाएगी।

10. स्वतः नामांतरण सुविधा:

अब रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण की प्रक्रिया अपने आप राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जुड़ जाएगी। इससे लोगों को महीनों लगने वाली प्रक्रिया और बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी।

राज्य सरकार की ओर से यह पहल देश के चुनिंदा अग्रणी राज्यों में छत्तीसगढ़ को शामिल करती है। मंत्री चौधरी ने यह भी बताया कि विभाग ने राज्य को 2979 करोड़ रुपये का राजस्व दिलाया है और 85 नए पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)