बिलासपुर । तहसील कार्यालय नियम विपरीत कार्य करने के लिए इन दिनों चर्चा में है साधारण नामांतरण के लिए तहसील न्यायालय में नामांतरण आवेदन करना होता है जो कार्य पूर्व में पटवारी कार्यालय से हो जाता था किंतु अब आवेदक को तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन करना होता है ।साथ ही रजिस्ट्री कॉपी आधार कार्ड जमा करने के बाद नए नियमानुसार आवेदन करना होता है वही नामंत्रण के लिए भी आवेदन पेश करने के बात कही जाती है ।
जो आवेदकों के लिए किसी भूल भुलैया से कम नही इसके बाद आवेदक तहसील कार्यालय की जटिल प्रक्रिया में फंसता चला जाता है अब आलम है कि पहले आवेदक अधिवक्ता के माध्यम से प्रकरण बनाकर तहसील कार्यालय मे समक्ष पेश करेगा , बॉर्डर सीट की आम सूचना का प्रकाशन कराएगा तब कही आदेश प्राप्त होगा और आम सूचना का ज्ञापन जारी होने के बाद दैनिक अखबार में प्रकाशित कराना होगा आवेदक सूचना की दो प्रति जमा करेगा और यदि आपत्ति प्रस्तुत नहीं हुई तो आवेदक से पटवारी प्रतिवेदन मंगाया जाएगा उसके पश्चात पटवारी प्रतिवेदन आने के बाद 18,4 बयान की तारीख लगेगी वही इससे पहले कोई आपत्ति सामने आई तो आपत्ति का निराकरण करना होगा उसके पश्चात नामंत्रण का आदेश होगा इस पूरी प्रक्रिया में प्रत्येक चरण को जोड़ा जाए तो नामांतरण के खर्चों को 10 से 15000 रुपए खर्च आएगा तहसील में अधिकारी के व्यवस्थित कोई अन्य व्यक्ति को पकड़ा जाए तो और सुविधाएं शुल्क की अदायगी की जाए तो आपका 4: 5 महीने का बहुमूल्य समय भी बचेगा
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