बिलासपुर में साइबर ठगों ने युवक को डिजिटल अरेस्ट करके की ठगी: CBI अफसर बन कर की धमकी

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर में साइबर ठगों ने एक व्यापारी युवक को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 3,500 रुपये की ठगी की। ठगों ने युवक को सीबीआई अफसर बनकर कॉल किया और उसे बताया कि उसके अकाउंट से एक करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इस मामले की जांच में शामिल होने का डर दिखाते हुए ठगों ने उसे पैसे वसूलने की कोशिश की और इसके साथ ही गिरफ्तारी की धमकी दी। इस घटना ने एक बार फिर साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या और धोखाधड़ी के तरीके को उजागर किया है।

सीबीआई अफसर बनकर की ठगी की शुरुआत

यह घटना सोमवार सुबह हुई जब व्यापारी सुयश दुबे बाजार से किसी काम के लिए बाहर गए थे। इस दौरान उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अफसर बताया और कहा कि उनके नाम पर दो बैंक अकाउंट हैं, जिनके जरिए एक करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इसके अलावा, बैंक अकाउंट का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में भी हुआ है, जिस कारण सीबीआई इसकी जांच कर रही है।

धमकी और गिरफ्तारी का डर

कथित सीबीआई अफसर ने सुयश को धमकाते हुए कहा कि यदि वह इस मामले में सहयोग नहीं करेगा, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद उसने सुयश से गोपनीयता रखने की हिदायत दी और बैंक डिटेल्स की मांग की। ठगों ने सुयश से पैसे ट्रांसफर करने को कहा और ऐसा न करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी। डर के मारे, सुयश ने अपनी बैंक डिटेल्स दी और 3,500 रुपये ट्रांसफर कर दिए।

डिजिटल अरेस्ट की धमकी और पिता से सलाह

इसके बाद ठग ने सुयश को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और उसे कमरे में कैद रहने के लिए कहा। सुयश को बताया गया कि अगर वह कमरे से बाहर निकलेगा, तो सीबीआई की टीम उसे गिरफ्तार कर लेगी। इस दौरान सुयश ने अपने पिता को इस घटना की जानकारी दी। उसके पिता ने उसे समझाया और तत्काल परिचितों से संपर्क करने को कहा।

साइबर क्राइम से मिली मदद, ठगी का खुलासा

पिता के सलाह पर सुयश ने अपने परिचितों से इस मामले की जानकारी ली। परिचित ने उसे साइबर क्राइम का टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया और उसे पूरी घटना की शिकायत करने की सलाह दी। इससे सुयश को पता चला कि वह साइबर ठगी का शिकार हो रहा है। इसके बाद, उसने ठगों से संपर्क करना बंद कर दिया और साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की।

पैसे बच गए, नहीं तो खाली हो जाता खाता

सुयश की समझदारी और समय रहते की गई कार्रवाई के कारण वह बड़ी ठगी से बच गया। अगर उसने समय पर सही कदम नहीं उठाया होता, तो ठग उसके बैंक अकाउंट से अधिक पैसे निकाल सकते थे। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि साइबर ठग किसी भी तरह से लोगों को धोखा दे सकते हैं और यह भी दर्शाया कि साइबर अपराध से बचने के लिए सावधानी रखना कितना महत्वपूर्ण है।

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के प्रति जागरूकता की जरूरत

इस घटना ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों और उनके खतरों को उजागर किया है। खासकर ऐसे धोखाधड़ी के तरीके जिसमें ठग खुद को सीबीआई या पुलिस अफसर बताकर लोगों को डराते हैं। इसके साथ ही यह भी दर्शाता है कि साइबर अपराध से बचने के लिए जनता में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।

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