. अंम्रितवेला कीर्तन बड़ी ही श्रद्धा और उमंग के साथ मनाया गया।
बिलासपुर सवितर्क न्यूज, कमल दुसेजा
अंम्रित वेला कीर्तन,दिनांक – 20 जनवरी 2021 सुबह 5:30 से 7:30 तक कपिल नगर सरकंडा में हुआ।जिसमें यश डोडवानी,कुन्दन डोडवानी और रीतू डोडवानी ने शबद कीर्तन और कथा के द्वारा सर्व संगत को निहाल किया।कीर्तन की शुरुआत श्री गुरुनानक साहिब जी की वाणी- अमृतवेला सच नाउ वडिआई विचार।। से की।इस गुरबाणी के साथ-साथ कथा के द्वारा कुन्दन डोडवानी ने बताया कि जब श्री गुरु नानक साहिब के पास कलयुग साकार रूप में आया उस समय कलयुग ने अपने ऊपर काली चादर ओढ़े हुए था गुरुजी ने पूछा कौन हो? कलयुग ने कहा मैं कलयुग हूँ।गुरुजी ने फिर पूछा कि ये काली चादर क्यों पहन रखी है?कलयुग ने कहा कि जो अंम्रितवेले(ब्रह्ममुहूर्त)में उठने की कोशिश करता है मैं उसे इस चादर से ढक देता हूँ ताकि वो उठने न पाए और भगवान का सिमरन न कर सके,किसी सत्संग कीर्तन में न जा पाए।यही मेरी जिम्मेदारी है।गुरुजी ने फिर पूछा कि लेकिन तेरी चादर में कहीं-कहीं पर छेद हो गए हैं वो किसलिए?कलयुग ने जवाब दिया हे महापुरुष,जो आपका सहारा लेकर,हरिनाम का सहारा लेकर उठता है तो उस पर मेरा जोर नहीं चल पाता है,और वो चादर में से जोर लगाकर निकल जाते हैं जिसके कारण चादर में जगह-जगह छेद हो गए हैं।वैसे तो मेरा ज़ोर सभी पर चल जाता है लेकिन भजन सिमरन सेवा सत्संग से जो जुड़ जाते हैं,उन पर मेरा कोई प्रभाव नहीं होता
इसलिए गुरुजी ने कलयुग में भवसागर से पार होने के लिए केवल राम नाम का ही सहारा लेने पर जोर दिया।कथा उपरांत यश डोडवानी ने,राजन के राजा महाराजन के महाराजा शबद का गायन किया।
और श्री गुरु गोबिंदसिंग जी का प्रकाश पूरब होने के कारण उनकी कथा सुनाई गई कि किस तरह से श्री गुरु गोबिंदसिंग जी महाराज ने हिंदु धर्म की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया।गुरुओं ने सर देना स्वीकार किया पर मुस्लिमों के आगे सर झुकना स्वीकार नहीं किया।गुरुओं ने बलिदान देकर साबित कर दिया कि धर्म से बड़ा कुछ भी नहीं होता।इस आयोजन में सरकंडा,कपिल नगर के अलावा हेमू नगर से भी सत्संग प्रेमी आए थे।अंत में आरती अनंद साहिब का पाठ अरदास करके कीर्तन की समाप्ति की गई।समाप्ति पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।इस आयोजन को सफल बनाने में सुन्दरानी परिवार,काजल गोदवानी,कंचन चिमनानी,कविता तोलानी,निकिता चंचलानी,पूजा चंचलानी,मधु अतरानी,संगीता अतरानी,रीत तोलानी,कशिश वाधवानी,किरण आडवाणी,प्राची माधवानी,अंशिका नागवानी,शोभा बत्रा,रजनी देवांगन का सहयोग का रहा।