जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट, बच्चों के डीएनए टेस्ट के निर्देश जारी
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में बच्चा बदलने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर दी है, जिसके बाद बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए डीएनए टेस्ट कराने के आदेश जारी किए गए हैं।
कलेक्टर ने दिए डीएनए टेस्ट के सख्त निर्देश
दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू और जांच समिति को डीएनए टेस्ट प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि जांच समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बच्चों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए जांच की सिफारिश की गई है।
साधना डीएनए टेस्ट के लिए नहीं तैयार, बढ़ी मुश्किलें
जहां शबाना कुरैशी और उनके परिजन डीएनए टेस्ट के लिए सहमत हैं, वहीं साधना सिंह न तो बच्चा देने के लिए तैयार हैं और न ही डीएनए जांच कराने के लिए राजी हो रही हैं। इस स्थिति में जिला प्रशासन उन पर डीएनए टेस्ट के लिए दबाव बना रहा है।
परिजनों का आरोप: प्रशासन बरत रहा लापरवाही
शबाना कुरैशी के परिजनों का आरोप है कि जिला प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि घटना को कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं की गई है।
मामले की पूरी कहानी: कैसे सामने आया बच्चा बदलने का सच?
23 जनवरी को दुर्ग जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड यूनिट में शबाना कुरैशी और साधना सिंह ने बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल के स्टाफ ने बच्चों को नहलाने के बाद गलती से एक-दूसरे को सौंप दिया। शबाना को शक तब हुआ जब डिस्चार्ज के बाद बच्चे के कपड़ों में साधना सिंह का नाम चिट पर लिखा मिला।
फोटो से हुआ खुलासा
डिलीवरी के समय ली गई मां और बच्चे की तस्वीरों से मिलान करने पर पुष्टि हुई कि बच्चे बदल गए थे। शबाना साधना को उनका बच्चा लौटाने को तैयार हैं, लेकिन साधना इस बात से इनकार कर रही हैं।
परिवार ने उठाए पहचान पर सवाल
शबाना के भाई आमिर खान ने बताया कि जन्म के समय ली गई तस्वीर में बच्चे के चेहरे पर तिल का निशान नहीं था, जबकि वर्तमान में जो बच्चा उनके पास है, उसके चेहरे पर तिल का स्पष्ट निशान है। यह अंतर भी शक को मजबूत करता है।
सिर्फ 7 मिनट का अंतर, लेकिन बड़ी गलती
सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू के अनुसार, दोनों बच्चों के जन्म में केवल 7 मिनट का अंतर है। शबाना कुरैशी ने दोपहर 1:25 बजे और साधना सिंह ने 1:32 बजे बच्चों को जन्म दिया था।
पहचान के टैग और फोटो भी नहीं रोक सके गलती
अस्पताल में बच्चों की पहचान के लिए मां के नाम के टैग और फोटो खींचे जाने के बावजूद यह चूक हुई, जो अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। अब प्रशासन डीएनए टेस्ट के जरिए सच्चाई सामने लाने में जुटा है।
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