सीरिया से लौटे भारतीयों का दर्द: ‘रोज बम-मिसाइल की आवाज सुनते थे’, बयां किए वहां के हालात

राजेन्द्र देवांगन
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सीरिया से भारतीय नागरिकों की वापसी: बयां की वहां की भयावह स्थिति

सीरिया में युद्ध के बीच फंसे चार भारतीय नागरिक सुरक्षित लौटे

सीरिया में जारी गृहयुद्ध के बीच चार भारतीय नागरिकों को भारतीय दूतावास की मदद से सुरक्षित वापस लाया गया। इन नागरिकों को लेबनान होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। लौटने के बाद एक नागरिक ने कहा, “मैं 15-20 दिन पहले वहां गया था। भारतीय दूतावास ने हमें बहुत मदद की। पहले हमें लेबनान ले जाया गया और फिर गोवा होते हुए दिल्ली पहुंचाया गया। अपने देश वापस आकर हमें बेहद खुशी हो रही है।”

भारत ने सीरिया से निकाले सभी नागरिक
हाल ही में सीरिया में विद्रोहियों ने कई प्रमुख शहरों और राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार गिर गई। इसके बाद भारत ने वहां मौजूद सभी नागरिकों को निकालने का अभियान चलाया। अब तक 77 भारतीयों को सीरिया से बाहर निकाला जा चुका है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “हमने सीरिया में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया है, जो हालात के कारण वापस लौटना चाहते थे।”

सीरिया के हालात: ‘हर दिन सुनाई देती थी रॉकेट और गोलियों की आवाज़’

सीरिया से लौटे एक भारतीय नागरिक ने दिल्ली एयरपोर्ट पर वहां के हालात बयां करते हुए कहा, “दमिश्क में स्थिति बेहद गंभीर थी। हर दिन रॉकेट और गोलियों की आवाज सुनाई देती थी। भारतीय दूतावास ने हमें सुरक्षित जगह पहुंचाने में मदद की। हमें 2-3 दिन दमिश्क में ठहराया गया, फिर बेरूत ले जाया गया। दूतावास ने हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई।”

असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत
सीरिया में असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया है। विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने दमिश्क पर नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भाग गए। रूस की मीडिया के अनुसार, असद ने मॉस्को में शरण ली है। उनके शासनकाल के 14 वर्षों में देश ने गृहयुद्ध, रक्तपात और राजनीतिक विरोधियों पर क्रूर दमन देखा।

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