छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक व्यापारी को साइबर ठगों ने आधे घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया। ठग व्यापारी को ब्लैकमेल कर उससे ठगी की कोशिश करते रहे। अब पूरे मामले की शिकायत व्यापारी ने सरगुजा पुलिस से की है।
पीड़ित व्यापारी शिवेश सिंह उर्फ बाबू ने बताया कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने से पहले पाकिस्तान (+92) के नंबर से काल आया था। काल करने वाले ने शिवेश से कहा था कि उनके मोबाइल से अश्लील मैसेज भेजे जा रहे हैं।
क्राइम ब्रांच जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने पहुंचेगी।ये कहने के बाद ठग ने कॉल काट दिया और फिर उनके वॉट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आया। इसके बाद जालसाजों ने अपना असली खेल शुरू कर दिया। हालांकि शिवेश ने समझदारी दिखाई और ठगी का शिकार होने से बच गए।
लेकिन डिजिटल अरेस्ट के उन 30 मिनट में क्या हुआ? शिवेश कैसे इस ट्रैप से बाहर आए और इन केस कभी आप इस तरह के सिचुएशन में फंस जाते हैं तो क्या करना है? पढ़िए इस रिपोर्ट में…जिस नंबर से शिवेश को वीडियो कॉल आया था वो मुबंई साइबर क्राइम के नाम पर था।अब सिलसिलेवार पढ़िए शिवेश के साथ क्या हुआ…वीडियो कॉल पर शिवेश को एक कमरे में जाने के लिए कहा गया।
ठग ने स्ट्रिक्ट इंस्ट्रक्शन दिए कि कमरे में सिर्फ उनकी मौजदूगी हो। ये कंफर्म करने के लिए ठग ने उनसे पूरे कमरे का व्यू दिखाने को भी कहा। पूरी तसल्ली करने के बाद ठग बोला – जब तक कार्रवाई चलेगी, कमरे से बाहर जाने की परमिशन नहीं मिलेगी। शिवेश ने सिर हिलाकर हामी भरी।इसके बाद ठग ने सख्त लहजे में कहा-तुम्हारे नंबर से अश्लील वीडियो और मैसेज भेजे जा रहे हैं। केस मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है,
कभी भी तुम्हारी गिरफ्तारी हो सकती हैशिवेश ने जवाब दिया -जिस नंबर से अश्लील मैसेज भेजे जा रहे हैं, वो मेरा नहीं हैये सुनते ही ठग भड़क उठा। उसने शिवेश से उनके फर्म के बारे में पूछना शुरू कर दिया। पैन और आधार डिटेल मांगी। हालांकि शिवेश ने ये कहते हुए डिटेल देने से मना कर दिया कि उसके कार्ड गुम हो चुके हैं। इस बीच जब उनके एक परिचित का कॉल आया, तो उन्हें कॉल रिसीव करने से मना कर दिया गया।
फिर ठग ने उन्हें पैन कार्ड की कॉपी लाने के लिए 20 मिनट दिए। इसके बाद फिर से कमरे में आने का इंस्ट्रक्शन दिया। लेकिन शिवेश ने इसके बाद दोबारा ठगों का कॉल रिसीव नहीं किया। शिवेश ने बताया कि एक महीने पहले भी उन्हें पाकिस्तान के नंबर से काल आया था।
धमकी दी गई थी कि उनका अवैध कोरियर पकड़ा गया है।ग्राफिक्स में समझिए क्या है डिजिटल अरेस्ट, ये कैसे किया जाता हैASP बोले- सतर्क रहने की जरूरतवहीं शिवेश के मामले में सरगुजा एएसपी अमोलक सिंह ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट ठगी का नया तरीका है। इससे बचने की कोशिश करें। अन नोन नंबरों से आए कॉल को रिसीव न करें। अगर ऐसी कोशिश होती है तो कोई निजी जानकारी, कार्ड डिटेल साझा न करें। कोई डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ है तो पुलिस को सूचना दें ।

