कोरबा छत्तीसगढ़
शिफ्ट इंचार्ज सहित चार कार्मिकों पर शिकंजा कसेगी दीपका पुलि
गेवरा माइंस में काम के दौरान हादसा
कोरबा। प्रशिक्षु को जोखिम भरे काम में लगाने और हादसे में उसकी मौत होने के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे की कार्यवाही करेगी।
संकेत मिले हैं कि शिफ्ट इंचार्ज सहित 4 कार्मिक कार्रवाई के घेरे में आ सकते हैं। मामले में इनकी उदासीनता को अहम् माना जा रहा है। जबकि खान सुरक्षा महानिदेशालय के स्तर पर भी इस प्रकरण की जांच की जानी स्वाभाविक है।
एसईसीएल की गेवरा माइंस के डम्पर वर्कशॉप में हुए हादसे में हीरालाल नामक प्रशिक्षु की बुधवार को मौत हो गई थी। उसके सहित कुछ और प्रशिक्षुओं को सीनियर ने डम्पर के सुधार संबंधी काम में लगाया था। अन्य स्तर पर निगरानी सुनिश्चित नहीं की गई। डंपर के कई हिस्सों को खोलने के दौरान संस्पेशन वाले भाग का प्रेशर पाइप फटने से हीरालाल चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। एक अन्य प्रशिक्षु राजेंद्र सामान्य रूप से इस घटना में झुलस गया। खदान क्षेत्र में हुए हादसे के बारे में मिली जानकारी पर दीपका पुलिस ने 174 सीआरपीसी के अंतर्गत मर्ग कायम किया है। इससे पहले हीरालाल को औपचारिक रूप से एनसीएच गेवरा लाया गया जहां परीक्षण के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया। मामले को लेकर प्रशिक्षुओं ने काफी देर तक एनसीएच के बाहर प्रदर्शन किया और घटनाक्रम पर आक्रोश जताया।
दीपका टीआई हरिश टोंडेकर ने बताया कि मृतक का पंचनामा करने के साथ शव परीक्षण की कार्यवाही कराई जा रही है। शार्ट पीएम रिपोर्ट प्राप्त होने के साथ इस दिशा में प्रक्रियाओं को बढ़ाया जाएगा। टीआई के अनुसार डंपर वर्कशॉप गेवरा में बुधवार को जो हादसा हुआ उसे लेकर पुलिस तक जानकारी पहुंची है। इसके अनुसार शिफ्ट इंचार्ज के साथ-साथ सुरक्षा प्रभारी और दो अन्य कार्मिक की भूमिका का पता चला है जिन्होंने जोखिम भरे काम को कराने के मामले में अपनी ओर से जिम्मेदारी का परिचय नहीं दिया। अप्रेंटिस के द्वारा इसी तरह की जानकारी शुरुआती जांच में सामने आई है। ऐसे में संभव है कि ये 4 कार्मिक इस पूरे विषय में जवाबदेह हो सकते हैं। फिलहाल दीपका पुलिस मर्ग जांच में जुटी हुई है।
डीजीएमएस स्तर पर होगी जांच
कोयला खदानों में होने वाले ऐसे घटनाक्रमों से संबंधित पहलुओं पर अनुसंधान करने के लिए कोल इंडिया ने व्यवस्था बना रखी है। उक्तानुसार डायरेक्टर जनरल माइंस सेफ्टी स्तर पर जांच-पड़ताल कराई जाती है। चूंकि माइंस में कामकाज का विभाजन कई स्तर पर किया गया है और वहां काम करने की प्रणाली अन्य क्षेत्रों से भिन्न होती है, ऐसे में हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने के दावे किये जाते हैं। इन सबके बावजूद अंडरग्राउंड के साथ-साथ ओपनकास्ट माइंस और संबंधित क्षेत्रों में कई मौकों पर अप्रिय घटनाएं होती हैं जिनमें कामगारों की मौत के साथ ही संपत्ति का नुकसान होता है। गेवरा माइंस में काफी समय बाद हुए इस घटनाक्रम ने एक बार फिर असुरक्षा के वातावरण में काम किये जाने की तस्वीर उजागर की है। पूरे प्रकरण में वास्तविकता क्या रही है, यह डीजीएमएस की जांच में स्पष्ट हो सकेगी।
निरीक्षण करेंगे कंपनी सेफ्टी सदस्य
गेवरा में कल एक प्रशिक्षु कर्मी की दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस मामले को कंपनी सेफ्टी सदस्यों ने काफी गंभीरता से लिया है। आज कंपनी सेफ्टी सदस्य एसके दुबे, धर्माराव व मनोहर दुर्घटना स्थल का जायजा लेंगे। इसके बाद कामगारों से चर्चा करते हुए एक रिपोर्ट बनाकर एसईसीएल प्रबंधन को सौंपेंगे। रायगढ़ में भी एक कोयला कामगार की मौत हो गई थी। कंपनी के सेफ्टी सदस्यों ने दुर्घटना स्थल का जायजा लिया और रिपोर्ट बनाकर प्रबंधन को सौंपा है। कल बैंकुंण्ठपुर का भी दौरा करेंगे। वे खदान क्षेत्र जाकर कामगारों से मुलाकात करेंगे। आये दिन हो रहे दुर्घटनाओं को देखते हुए खामियों पर कामगारों के साथ विचारविमर्श करेंगे। बैंकुंण्ठपुर में सभी सदस्य मौजूद रहेंगे।