BJP बना दलबदलुओं का अड्डा: 10 साल में 600 नेताओं को शामिल किया; 7 राज्यों में इन्हीं के पास कमान…!

राजेन्द्र देवांगन
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BJP बना दलबदलुओं का अड्डा: 10 साल में 600 नेताओं को शामिल किया; 7 राज्यों में इन्हीं के पास कमान…!
भारत में चुनावी सीजन शुरू होते ही दलबदल का खेल शुरू हो गया है. पिछले 7 दिन में 4 राज्यों के दो दर्जन से ज्यादा नेताओं ने पाला बदल लिया है. दल बदलने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर महापौर स्तर के नेता शामिल हैं. 
वर्तमान में दलबदल का खेल महाराष्ट्र से शुरू हुआ है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हो गए. राजस्थान कांग्रेस के विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भी हाथ का साथ छोड़कर कमल का दामन थाम लिया.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ की भी दल बदलने की चर्चा थी, लेकिन आखिर वक्त पर उन्होंने यूटर्न ले लिया. हालांकि, कमलनाथ के करीबी और जबलपुर के मेयर जगत बहादुर अन्नू जरूर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए.

भारत में दलबदल का एक आंकड़ा भारत में दलबदल का खेल 1960-70 में हरियाणा से शुरू हुआ था. धीरे-धीरे यह सियासी रोग पूरे भारत में फैल गया. 2014 के बाद नेताओं के दलबदल के मामलों में काफी तेजी आई. 
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक सांसद और विधायक स्तर के 1 हजार से ज्यादा नेता 2014-21 दल बदल के खेल में शामिल हुए.

इन 7 सालों में सबसे ज्यादा पलायन कांग्रेस से हुआ. 2014-21 तक विधायक-सांसद स्तर के 399 नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ा. दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी रही. बीएसपी छोड़ने वाले नेताओं की संख्या 170 के आसपास थी. सत्ताधारी बीजेपी से भी नेताओं का मोहभंग कम नहीं हुआ. 7 साल में 144 नेता बीजेपी छोड़ दूसरी अन्य पार्टियों में शामिल हो गए.
2014 के बाद भारत में दल बदलने वाले नेताओं में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री स्तर के नेता भी शामिल रहे हैं. 2014 से अब तक 8 पूर्व मुख्यमंत्री पाला बदल चुके हैं. इनमें अशोक चव्हाण, कैप्टन अमरिंदर सिंह और नारायण राणे का नाम प्रमुख हैं. वहीं 20 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री भी दलबदल के खेल में शामिल हुए. 
दलबदलुओं का अड्डा बनी बीजेपी, 3 प्वॉइंट्स

1. 2014 के बाद सबसे ज्यादा दलबदलू नेता बीजेपी में गए
2014 के बाद सबसे ज्यादा दलबदलू नेता बीजेपी में गए हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2014 से 2021 तक विधायक-सांसद स्तर के 426 नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है. 
वहीं 2021 से 2023 तक विधायक और सांसद स्तर के करीब 200 नेता बीजेपी में शामिल हो गए. 2021 से 2023 तक गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दलबदल का खेल हुआ. 


इस दरम्यान कांग्रेस में सिर्फ 176 दलबदलू नेता शामिल हुए. कांग्रेस और बीजेपी के अलावा दलबदलुओं की सबसे पसंदीदा जगह एनडीए की सहयोगी शिवसेना और लोजपा जैसे दल हैं.  
2. बीजेपी के भीतर 7 राज्यों की कमान दलबदलुओं के पास
केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने दलबदलुओं को भी पद से खूब नवाजा. वर्तमान में बीजेपी ने 7 राज्यों की कमान दलबदलू नेताओं को दे रखी है. इनमें बिहार, असम, झारखंड और बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं. 
बिहार में सम्राट चौधरी विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष हैं. सम्राट ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय जनता दल से की थी. बाद में जेडीयू और हम होते हुए वे बीजेपी में आ गए. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीट हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मूल कांग्रेसी हैं. उन्होंने 2015 में पाला बदलते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था. असम में लोकसभा की कुल 14 सीट हैं.

झारखंड की कमान बाबूलाल मरांडी के पास है. मरांडी अभी प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन उनकी भी गिनती दलबदलू नेताओं में होती है. बीजेपी में आने से पहले मरांडी जेवीएम के प्रमुख थे. झारखंड में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं.

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में भी दल बदलकर आए शुभेंदु अधिकारी पर ही भरोसा जताया है. शुभेंदु बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. शुभेंदु ने करियर की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस से की थी. बंगाल में लोकसभा की 42 सीट हैं. 

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