नारायणपुर में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण आंदोलनकारियों ने पुलिस पर फर्जी गिरफ्तारी का लगाया आरोप…!
नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के तोयामेटा में आंदोलनरत ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया माड़ बचाव मंच के आंदोलनकारियों को बिना कारण गिरफ्तार करने का आरोप, कहा बेशर्त रिहा नही करने पर होगा उग्र आंदोलन।
लगभग एक साल से अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अबूझमाड़ में हजारों ग्रामीण पांच अलग-अलग स्थान पर आंदोलन की राह अख्तियार किए हुए हैं।
ग्रामीणों का सारा आंदोलन माड़ बचाव मंच के बैनर तले संचालित हो रहा है। आज जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम तोयामेटा में हजारों ग्रामीण एकत्र हुए और रैली निकाली साथ ही बयान जारी कर ग्रामीण आंदोलनकारियों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है कि 10 दिसंबर को जब माड़ बचाव मंच के कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ता बेचा घाट आंदोलन स्थल से आंदोलन की वर्षगांठ मना कर लौट रहे थे तभी पुलिस द्वारा पीछा कर माढोनर आंदोलन के शंकर कश्यप और समलू कोर्राम सहित ओरछा आंदोलन के आंदोलनकारी लखमा कोर्राम और रामू पोडियाम कुल चार आंदोलनकारियों को पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार कर फर्जी नक्सली मामले गढ़ कर दो दिन बाद 12 दिसंबर की शाम को नक्सली जेल भेज दिया है। जिसकी सूचना सगे संबंधियों या ग्रामीणों तक को नहीं दी गई। ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से माग की है कि पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी आंदोलनकारियों को पुलिस बिना कोई हानि पहुंचाए बेशर्त छोड़ दे वरना ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन आरंभ कर दिया जाएगा।
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