24-नवम्बर,2020
बिलासपुर-{सवितर्क न्यूज़} खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी केन्द्रों में अवैध धान की आवक रोकने के लिए कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर द्वारा उड़नदस्ता का गठन किया गया है।
जारी आदेश के अनुसार विकासखंड मस्तुरी के अंतर्गत तहसीलदार मनोज खाण्डे एवं सुश्री नीलिमा अग्रवाल, खाद्य निरीक्षक आशिष दीवान एवं श्रीमती प्रीति दीवान, मंडी निरीक्षक कृष्ण कुमार मिश्रा, संबोधन लाल चक्रधारी को नियुक्त किया गया है।
विकासखंड बिल्हा के लिए तहसीलदार सत्यपाल राय, सूर्यप्रकाश केशकर, नारायण गबेल, राजकुमार साहू, खाद्य निरीक्षक मनोज बघेल मोर्य, सुश्री विनीता दास, ओंकार ठाकुर, अब्दुल कादिर खान, सुश्री वसुधा राजपूत, मंडी निरीक्षक नरेन्द्र गुप्ता एवं पेशीराम साहू को नियुक्त किया गया है।
विकासखंड कोटा के अंतर्गत तहसीलदार प्रमोद कुमार गुप्ता, राजेन्द्र भारत, पेखन टोण्डे, खाद्य निरीक्षक ए.के.सवन्नी, सखाअधि एस.एल.वस्त्रकार, मंडी निरीक्षक चंद्रकांत पाण्डेय एवं उत्तम ठाकुर को नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार विकासखंड तखतपुर के अंतर्गत तहसीलदार भूपेन्द्र जोशी, अभिषेक राठौर, सुश्री शिल्पा भगत, खाद्य निरीक्षक अजय मौर्य, धीरेन्द्र कश्यप, मंडी निरीक्षक श्री मुजाहिद हुसैन एवं श्री जीवन सिंह क्षत्री को नियुक्त किया गया है।
दलों को निर्देशित किया गया है कि अवैध धान का आवक, अन्य प्रदेशों से नहीं होना चाहिए, इस बात की नियमित निगरानी सुनिश्चित करेंगे। अनियमितता पाये जाने पर मंडी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाये तथा वाहन एवं धान जप्ती कर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाये। संयुक्त दल को यह भी निर्देशित किया गया है कि मंडी अधिकारियों द्वारा धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व गांव एवं अर्द्ध शहरी इलाकों में चिल्हर रूप से धान खरीदी करने वाले कोचियों एवं बिचैलियों का चिन्हांकन कर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया जाये। कोचियों एवं बिचैलियों के द्वारा समिति में धान लाकर अन्य किसानो से पंजीयन में खपाने का प्रयास करने पर उनका वाहन एवं धान जप्ती कर नियमानुसार कार्यवाही किया जाये। ऐसी स्थिति में संलिप्त पाये गये समिति के कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाये एवं किसान द्वारा आगे धान विक्रय न कर पाने हेतु कलेक्टर के प्रस्ताव पर खाद्य विभाग द्वारा पंजीयन को ब्लेक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जाकर कलेक्टर को प्रत्येक सप्ताह पालन प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने कहा गया है।
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