महाराष्ट्र भ्रमण से लौटे आदिवासी युवाओं का किया गया स्वागत
सुकमा। दिनांक 20 दिसंबर 2024। सुकमा जिले के आदिवासी युवाओं के लिए प्रेरणादायक पहल। द्वितीय वाहिनी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कमांडेंट श्री रति कांत बेहेरा के दिशा-निर्देश में 16वें ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 21 आदिवासी युवा और 9 युवतियों को महाराष्ट्र के मुंबई शहर का भ्रमण कराया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन नेहरू युवा केंद्र, जगदलपुर के सहयोग से 12 से 18 दिसंबर 2024 के बीच किया गया।

भ्रमण के बाद ये युवा 20 दिसंबर 2024 को सकुशल द्वितीय वाहिनी के मुख्यालय लौट आए। इस अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें श्री रति कांत बेहेरा, कमांडेंट, द्वितीय वाहिनी, ने इन युवाओं से यात्रा के अनुभवों और उनके द्वारा सीखी गई चीज़ों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
युवाओं के अनुभव
भ्रमण से लौटे युवाओं ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से उन्हें देश के विकास और तरक्की को नजदीक से देखने का अवसर मिला। उन्होंने भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का अवलोकन किया और यह अनुभव उनके लिए प्रेरणादायक रहा।
युवाओं ने यह भी कहा कि इस प्रकार के प्रयास से वे जागरूक हुए हैं और उन्होंने देश की विविधता और प्रगति को समझा। साथ ही, उन्होंने द्वितीय वाहिनी से अनुरोध किया कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि अन्य युवा भी देश के वास्तविक स्वरूप को देख सकें।

कमांडेंट का संबोधन
कमांडेंट श्री रति कांत बेहेरा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “इस कार्यक्रम का उद्देश्य यहां के आदिवासी युवाओं को देश की प्रगति, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों से परिचित कराना था। उम्मीद है कि आप सभी इस अनुभव को अपने क्षेत्र के लोगों के साथ साझा करेंगे और उन्हें भी प्रेरित करेंगे।” उन्होंने युवाओं को यह सलाह दी कि वे अपने जीवन में हमेशा देश और राज्य के विकास में भागीदारी निभाने के लिए तत्पर रहें।
विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी श्री अनामी शरण, उप कमांडेंट श्री भास्कर भट्टाचार्य, अधीनस्थ अधिकारी और जवान भी उपस्थित थे। सभी ने युवाओं को उनके अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
भविष्य की प्रेरणा
श्री रति कांत बेहेरा ने युवाओं को उनके गांवों के लिए विदा करते हुए यह आशा जताई कि वे अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे और इस प्रेरणा को आगे बढ़ाएंगे। यह पहल न केवल आदिवासी युवाओं के लिए बल्कि पूरे सुकमा क्षेत्र के लिए एक नई दिशा देने का प्रयास है।
इस प्रकार, यह ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम आदिवासी समुदाय को देश की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके भीतर आत्मविश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।