Chhattisgarh ” Dhamtari” Narhara Waterfall …धमतरी जिला में स्थित बहुत ही सुंदर प्राकृतिक स्थल, बेहतरीन पिकनिक स्पॉट…
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के घने जंगल में चट्टानों के बीच से गिरता दुधिया रंग का पानी यह खूबसूरत नजारा है, धमतरी जिले में मौजूद नरहरा धाम का. इसे मिनी चित्रकोट के साथ-साथ ऋषि मारकंडे की तपोभूमि के तौर पर भी जाना जाता है. प्रशासन ने न तो इस मनमोहक जगह को संवारने के प्रयास किए और न ही पर्यटकों को इस ओर आकर्षित करने के लिए कोई कदम उठाए और यही वजह है कि सैलानी प्रकृति के इस उपहार से कोसों दूर हैं.
नरहरा वॉटर फॉलनरहरा धाम जाने के लिए धमतरी से पब्लिक ट्रांसपोर्ट या फिर निजी वाहन से कुकरेल होते हुए बिरझुली के रास्ते कोटरवाही जाएं. इसके बाद से करीब पांच किलोमीटर तक रास्ता खराब होने की वजह से यहां से बाइक या कार के सहारे पांच किलोमीटर का सफर करना पड़ता है. जंगल होने की वजह से इस रास्ते में जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. पांच किलोमीटर के इस रास्ते को जंगल काटकर बनाया गया है, जिसकी वजह से यह उबड़ खाबड़ और थका देने वाला है.महानदी में गिरता है पानी
सफर पूरा कर सैलानी जैसे ही नरहरा धाम पहुंचते हैं, वहां से मनोरम दृश्य को देख उनकी थकान छू मंतर हो जाती है. यहां मौजूद जल प्रपात पूरी तरह से प्राकृतिक है. इंसान की ओर से यहां एक भी पत्थर नहीं रखा गया है. पानी के तेज बहाव ने चट्टानों को काटकर एक खूबसूरत झरने का रूप दिया है. जो बेहद ही खूबसूरत लगता है. झरने से गिरने वाला पानी आगे जाकर महानदी में गिरता है.पिकनिक मनाने जाते हैं लोग
इसी जगह पर माता नारेश्वरी देवी का मंदिर भी बनाया गया था. मंदिर में रहने वाले पुजारी बताते हैं कि रोजाना यहां सैकड़ों लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
नरहरा धाम में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.
लेकिन कच्चे और ऊबड़ खाबड़ रास्ते की वजह से यह खूबसूरत स्थल अभी तक पर्यटकों की पहुंच से दूर और उपेक्षित है. अगर इस जगह पर पहुंच मार्ग के साथ-साथ कैंटीन, गार्डन और पेयजल और सुरक्षा की व्यवस्था करा दी जाए तो. यह जगह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बन सकती है.