ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट का सबसे बड़ा खुलासा: रामकृष्ण मिशन सचिव से 2.53 करोड़ की ठगी, दिल्ली से गुरजीत, दीपांशु, वर्धमान गिरफ्तार, नवीन की तलाश

Babita Sharma
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ग्वालियर, 29 अप्रैल 2025: ग्वालियर में अब तक के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट घोटाले में पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने दिल्ली से तीन छात्रों—गुरजीत सिंह, दीपांशु मौर्य, और वर्धमान उर्फ उज्जवल—को गिरफ्तार किया है। यह ठगी रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद से 2.53 करोड़ रुपये की थी। अब पुलिस को मास्टरमाइंड नवीन की तलाश है, जो अंबाला में एक बुजुर्ग से 2 करोड़ की ठगी के मामले में भी वांछित है। SIT ने उज्जैन से बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर सहित छह अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया था।

ठगी का जाल: 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट
17 मार्च 2025 को स्वामी सुप्रदिप्तानंद को ठगों ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट में लिया। ठगों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आश्रम के फंड की जांच के नाम पर Ascertainable Trustworthy Reliable (ATR) के खाते में 2.53 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए। 11 अप्रैल तक यह राशि तीन बैंक खातों में पहुंची, जिसमें 1.30 करोड़ रुपये प्रयागराज के इंडसइंड बैंक के एक बोगस फर्म ‘शैल’ के खाते में गए। ठगों ने 15 अप्रैल तक पैसा लौटाने का वादा किया, लेकिन कॉल बंद होने पर 16 अप्रैल को क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज हुई।

दिल्ली से तीन छात्र गिरफ्तार
SIT ने 26 अप्रैल को दिल्ली और नोएडा से तीन छात्रों को हिरासत में लिया:

  • गुरजीत सिंह (बीए द्वितीय वर्ष): यश बैंक खाते में 2.80 लाख रुपये आए। उसने बताया कि नवीन ने एयरपोर्ट पर नौकरी का झांसा देकर खाता खुलवाया था। पहले भी 15 लाख रुपये के लेनदेन हुए।
  • वर्धमान उर्फ उज्जवल (बीबीए प्रथम वर्ष): बैंक ऑफ बड़ौदा खाते में 2.5 लाख रुपये आए। खाता उसके मामा के बेटे दीपांशु मौर्य ने खुलवाया।
  • दीपांशु मौर्य: उज्जवल के खाते की व्यवस्था करने में शामिल।

नवीन: ठगी का मास्टरमाइंड
पुलिस को पता चला कि नवीन ने दिल्ली में 100 से अधिक छात्रों को नौकरी का लालच देकर बैंक खाते खुलवाए। वह छात्रों से कहता था कि नौकरी के लिए खाते में लेनदेन दिखाना जरूरी है। नवीन पैसे डालता और कमीशन देकर राशि वापस लेता। उसके डिजिटल अरेस्ट ठगों से सीधे संबंध हैं, और वह अंबाला में 2 करोड़ की ठगी के मामले में भी वांछित है। ग्वालियर पुलिस अब अंबाला पुलिस से संपर्क कर नवीन को पूछताछ के लिए लाने की तैयारी में है।

उज्जैन से छह गिरफ्तार, बैंक कर्मियों की भूमिका
19 अप्रैल को SIT ने उज्जैन, नागदा, और रतलाम से छह आरोपियों को पकड़ा:

  • राहुल कहार (22, सब्जी विक्रेता), तुषार गोमे (26), किशोर विनाज्ञा (19), सुभम सिंह राठौर (23), विश्वजीत बर्मन (46, बंधन बैंक असिस्टेंट मैनेजर), और काजल जैसवाल (27, बंधन बैंक कैशियर)।
    तुषार गोमे ने बताया कि वह चेक से पैसे निकालकर मास्टरमाइंड उदयराज को देता था। उदयराज ठगी की राशि को डिजिटल करेंसी में बदलकर दुबई के गैंग से सौदा करता था। पुलिस उदयराज के दुबई लिंक की जांच कर रही है।

इंडसइंड बैंक में चौंकाने वाला खुलासा
प्रयागराज के इंडसइंड बैंक के बोगस फर्म ‘शैल’ के खाते में आए 1.30 करोड़ रुपये तुरंत 20 अन्य खातों में ट्रांसफर किए गए। फर्म का पता फर्जी निकला। पुलिस को शक है कि बंधन बैंक की तरह यहां भी बैंक कर्मचारियों और ठगों की मिलीभगत है। SIT अब इन 20 खातों की डिटेल खंगाल रही है।

पुलिस की कार्रवाई और टाइमलाइन

  • 17 मार्च: ठगों का पहला कॉल, डिजिटल अरेस्ट शुरू।
  • 18 मार्च-11 अप्रैल: 2.53 करोड़ रुपये ट्रांसफर।
  • 16 अप्रैल: FIR दर्ज।
  • 18 अप्रैल: खातों की डिटेल मिली, SIT उज्जैन रवाना।
  • 19 अप्रैल: उज्जैन से छह गिरफ्तार।
  • 21 अप्रैल: प्रयागराज के लिए टीम रवाना।
  • 22 अप्रैल: दिल्ली-नोएडा के लिए जांच।
  • 26 अप्रैल: दिल्ली से तीन छात्र गिरफ्तार।
  • 28 अप्रैल: नवीन का नाम सामने आया।

आम जनता के लिए सावधानी
पुलिस ने चेतावनी दी है कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। अज्ञात कॉल्स पर भरोसा न करें, खासकर जो सरकारी अधिकारी बनकर डराएं। ऐसे मामलों की तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत करें। यह मामला डिजिटल ठगी के बढ़ते खतरे और सख्त कार्रवाई की जरूरत को उजागर करता है।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश