छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कार्पोरेशन लिमिटेड (CSPDCL) के अंबिकापुर कार्यालय में 1.82 करोड़ रुपये के गबन और धोखाधड़ी के आरोप में कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर (सीई) डीएस भगत, सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर (एसई) राजेश लकड़ा, और ठेकेदार प्रभोजत सिंह भल्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अंबिकापुर के आदेश पर की गई, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले का विवरण
- आरोप: RTI एक्टिविस्ट डीके सोनी ने CSPDCL के अधिकारियों और ठेका कंपनी पर ठेका कर्मचारियों के वेतन से संबंधित ईपीएफ, बोनस, और ईएसआईसी की राशि में फर्जी बिलों के जरिए 1,82,86,907 रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया। यह गड़बड़ी वर्ष 2020 से 2022 के बीच चार कार्यादेशों के तहत भृत्य और कंप्यूटर ऑपरेटरों के नियोजन में हुई।
- ठेका कंपनियाँ: मेसर्स आरके एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस, और गुरुकृपा ग्रुप को ठेका कर्मचारियों के नियोजन के लिए अधिकृत किया गया था। आरोप है कि इन कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान प्राप्त किया।
- अनियमितता: कार्यपालन निदेशक (अ.क्षे.) अंबिकापुर की जांच रिपोर्ट (24 फरवरी 2023) के अनुसार, ठेका कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति पत्रक और ईपीएफ, ईएसआईसी दस्तावेजों का सत्यापन किए बिना देयकों का भुगतान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप ठेकेदारों को 1.82 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान हुआ।
- न्यायालय का आदेश: डीके सोनी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष परिवाद दायर किया, जिसके बाद कोर्ट ने सीई, एसई, और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।
पुलिस कार्रवाई
सरगुजा ASP अमोलक सिंह के अनुसार, कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेशानुसार एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की गहन जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।