रायपुर के उरला-बेंद्री औद्योगिक क्षेत्र स्थित श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के खिलाफ मजदूरों के अधिकारों को लेकर सोमवार को ज़ोरदार प्रदर्शन हुआ। इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व जनपद सदस्य कृणाल किरण सिन्हा ने किया, जिन्होंने श्रमिकों की समस्याओं को लेकर कंपनी प्रबंधन और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया।
धरने के दौरान कृणाल सिन्हा ने साफ चेताया कि अगर 10 दिनों के भीतर मजदूरों की शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो 2000 से अधिक मजदूरों के साथ बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसकी परिणति कंपनी को बंद कराने की कार्यवाही तक पहुंच सकती है।
प्रमुख मांगें जिन पर विरोध हुआ:
1. मजदूरों को तय न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है।
2. CSR फंड पंचायत क्षेत्र को हस्तांतरित नहीं किया जा रहा।
3. अब तक कंपनी में किसी लेबर यूनियन का पंजीकरण नहीं हुआ है।
4. श्रमिकों को बोनस से वंचित रखा गया है।
5. 12 घंटे कार्य लेने के बावजूद स्थायीत्व नहीं दिया जा रहा।
6. सुरक्षा के इंतज़ाम न होने से दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं।
7. शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जरूरतों की अनदेखी की जा रही है।
8. पार्किंग व्यवस्था के अभाव में ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है।
कृणाल सिन्हा का बयान:
“यह लड़ाई मजदूरों की हकदारी की है, इसमें कोई राजनीति नहीं। यदि 10 दिन में कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा। यह मज़दूरों की आवाज़ है, जो अब चुप नहीं बैठेगी
श्रमिकों में जागरूकता और एकजुटता
प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसकी गूंज मजदूरों और स्थानीय नागरिकों के बीच सुनाई दी। इस आंदोलन से श्रमिकों में अपने अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ी है और उन्हें एक नई ताकत मिली है। कई पंचायत प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन जताया।
यह विरोध सिर्फ एक औद्योगिक विवाद नहीं, बल्कि श्रमिकों की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों की लड़ाई बन गया है। यदि प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में संघर्ष और व्यापक हो सकता है।