डॉक्टर्स डे स्पेशल: बच्चों की सेहत के लिए वर्षों तक जुटे दो डॉक्टर, रिसर्च और सेवाओं के लिए मिला पद्मश्री सम्मान

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ -डॉक्टर्स डे के मौके पर छत्तीसगढ़ के दो वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर नजर डालना जरूरी हो जाता है। रायपुर के डॉ. एटी दाबके और राजनांदगांव के डॉ. पुखराज बाफना को बच्चों की सेहत सुधारने के लिए किए गए विशिष्ट कार्यों के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा है।

अस्थमा पर योग का प्रभाव और 5 लाख बच्चों की हेल्थ स्टडी

डॉ. पुखराज बाफना ने बच्चों में बढ़ते अस्थमा के मामलों को लेकर गंभीरता से अध्ययन किया। उनका मानना है कि योग बच्चों में अस्थमा को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है। बीते 30 वर्षों में उन्होंने करीब 5 लाख बच्चों को योग सिखाया और इसके प्रभाव का वैज्ञानिक अध्ययन किया। उन्होंने “स्टेटस ऑफ ट्राइबल चाइल्ड हेल्थ इन इंडिया” नामक एक पुस्तक भी लिखी, जिसे कई शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाया जा रहा है।

उनकी तीन उपलब्धियां—योग, अनुसंधान और लेखन—के चलते 2011 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने स्वयं गृह मंत्रालय को डाक से अपना नामांकन भेजा, क्योंकि स्थानीय प्रशासनिक प्रक्रिया से निराश हो चुके थे।

विलुप्त जनजातियों के बच्चों के लिए समर्पित कार्य

रायपुर के डॉ. एटी दाबके ने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति को उजागर किया। नेहरू मेडिकल कॉलेज में एचओडी और डीन रहते हुए उन्होंने पीजी छात्रों को विलुप्त जनजातियों जैसे पहाड़ी कोरवा, कमार आदि पर शोध के लिए प्रेरित किया। स्वयं भी वे सरगुजा, बगीचा, और अबूझमाड़ के सुदूर जंगलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करते रहे।

उन्होंने पाया कि वहां के अधिकांश बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, जन्म के समय वजन बेहद कम होता है, और 100% डिलीवरी घरों में होती है, जहां कोई मेडिकल सुविधा नहीं होती। इन चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए वे लगातार जनजातीय स्वास्थ्य पर काम करते रहे।

2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें उनके अभूतपूर्व कार्य के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया।

निष्कर्ष

डॉ. दाबके और डॉ. बाफना की कहानियां केवल चिकित्सा सेवाओं की मिसाल नहीं हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि समर्पण और शोध कैसे समाज को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं। डॉक्टर्स डे पर इनकी प्रेरणादायक यात्रा हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि चिकित्सा केवल इलाज नहीं, बल्कि बदलाव का माध्यम भी हो सकती है।

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