बिलासपुर //अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी के द्वारा प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को 18 सितंबर को एक शिकायत की गई है। शिकायत में।कहा गया है कि 20 लाख रुपए लेकर सिविल लाइन थाना बिलासपुर के अपराध क्रमांक 801/ 2019 अंतर्गत धारा 506, 34 भा०द० वि० एवं धारा 3(1) (10) एक्ट्रोसिटी एक्ट से आरोपी विनय शर्मा का नाम हटाने का किया गया था।
आपको बतादें की सिविल लाइन थाना बिलासपुर में दिनांक 19/11/2019 को प्रार्थीया मालविका मेश्राम पिता राजेश मेश्राम उम्र 20 वर्ष निवासी मगरपारा बिलासपुर के द्वारा एक लिखित शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर सिविल लाइन थाना बिलासपुर के द्वारा अपराध क्रमांक 801/ 2019 अंतर्गत धारा 506, 34 भा०द०वि० का अपराध पंजीबद्ध किया गया जिसमें कोमल , नवीन तिवारी, शैलेंद्र सिंह , टिंबा , विनय शर्मा एवं अभिषेक तिवारी को अभियुक्त बनाया गया तथा प्रथम सूचना पत्र में सभी अभियुक्तों का नाम डाला गया एवं शिकायत आवेदन में भी सभी अभियुक्तों के नाम का उल्लेख किया गया था। उक्त अपराधिक प्रकरण से संबंधित एक अन्य अपराध 688/2019 अंतर्गत धारा 376, 506 भा०द०वि० जो सिविल लाइन थाना बिलासपुर में दिनांक 17/10/2019 को पंजीबद्ध किया गया था जिसमें मुख्य आरोपी नवीन तिवारी को अभियुक्त बनाया गया था जिसमें नवीन तिवारी की अग्रिम जमानत उच्च न्यायालय से दिनांक 3/3/2020 को हो गई। जिसके कारण थाना सिविल लाइन के पदस्थ टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार, नगर पुलिस अधीक्षक आर०एन० यादव एवं जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा अभियुक्त नवीन तिवारी के पास संदेश भेजवाया गया कि 5 लाख रुपए की मांग सभी अधिकारी कर रहे अगर उपरोक्त राशि नहीं दोगे तो उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा । चूंकि नवीन तिवारी के द्वारा उपरोक्त राशि देने से मना कर दिया गया जिसके कारण दुर्भावना से ग्रसित होकर दिनांक 15/3/2020 को अपराध क्रमांक 801/2019 में धारा 3(1)(10) जोड़ा गया तथा नवीन तिवारी एवं शैलेंद्र सिंह को दिनांक 24/8/2020 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में बिलासपुर जेल भेज दिया गया तथा वर्तमान में नवीन तिवारी जिला जेल बिलासपुर में निरुद्ध है एवं शैलेंद्र सिंह से जमानत हो गई है जबकि अपराध क्रमांक 801/2019 में आरोपी विनय शर्मा के द्वारा पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल तथा नगर पुलिस अधीक्षक आर०एन० यादव एवं सिविल लाइन थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार को प्रभावित कर एवं सांठगांठ कर मोटी रकम लगभग 20 लाख रुपए देकर उक्त अपराध से अपना नाम विलोपित करने का प्रयास किया गया है तथा यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि विनय शर्मा के द्वारा अपना नाम उक्त अपराध से अलग करा कर मुक्त हो गया। विनय शर्मा एक काफी ऊंची पहुंच का व्यक्ति है तथा राजनैतिक पकड़ रखता है जिसके कारण पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, नगर पुलिस अधीक्षक आर०एन० यादव एवं थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार के द्वारा प्रार्थीया मालविका मेश्राम को दबाव देकर उसे आवेदन एवं शपथ पत्र इस बात का प्राप्त कर कि उक्त घटना में विनय शर्मा नहीं थे भूलवश उसका नाम दे दिया गया था इसलिए विनय शर्मा का नाम उक्त अपराध से विलोपित किया जाए। चूंकि उपरोक्त तीनों पुलिस अधिकारियों को विनय शर्मा के द्वारा अपने धनबाद से प्रभावित कर लिया गया था इसलिए ना तो विनय शर्मा की गिरफ्तारी की गई और ना ही उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई बल्कि पुलिस अधिकारी न्यायालय से ऊपर जाकर किसको आरोपी बनाना है और किसको मामले से निकालना है। यह तय तथाकथित उपरोक्त पुलिस अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है जो कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला कार्य हैं। थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार, नगर पुलिस अधीक्षक आर०एन० यादव एवं पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के द्वारा अलावा विनय शर्मा के मोबाइल नंबर की अगर कॉल रिकॉर्ड निकाल कर जांच की जाए तो इससे साफ पता चल जाएगा कि उक्त मामले में सभी लोगों से बातचीत हुई है। उक्त अपराध क्रमांक 801/2019 में किसी पुलिस अधीक्षक से ऊपर रैंक के अधिकारी से या सीआईडी से जांच कराई जाती है तो पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी जिसमें यह तीनों पुलिस अधिकारी की मिलीभगत प्रमाणित हो जाएगी उपरोक्त तथ्यों के संबंध में डी०के० सोनी के द्वारा शिकायत किया गया था जिसकी गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री के विशेष सहायक कैलाश वर्मा के द्वारा पुलिस महानिदेशक को दिनांक 15/10/2020 को पत्र भेजकर उक्त शिकायत का परीक्षण कर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए कृत्य कार्यवाही से इस कार्यालय को अवगत कराने हेतु कहा है।
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