ए सी बी और ई ओ डब्ल्यू के नाम पर करते थे अवैध उगाही
06-नवंबर,2020
रायपुर-[सवितर्क न्यूज़]
दो पुलिसकर्मी और एक पत्रकार को EOW की धौस दिखाकर वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। ये सभी पहले तो अधिकारियों से जुड़ी शिकायतों और प्रकरणों की जानकारी जुटाते और फिर फोन कर उनसे वसूली करते थे। ACB-EOW चीफ आरिफ शेख के पास पहुंची इस शिकायत के बाद इस रैकेट का पर्दाफाश किया गया है। आज प्रेस कांफ्रेंस कर आरिफ शेख ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है। दरअसल पिछले कई दिनों से इस बात की शिकायत ACB-EOW चीफ को मिल रही थी कि कुछ लोग एसीबी-EOW की धौंस दिखाकर और प्रकरण खात्मा करा देने का झांसा देकर अफसरों से वसूली कर रहे थे।
इस शिकायत के बाद एसीबी चीफ ने एसपी पंकज चंद्रा, एएसपी महेश्वर नाग की अगुवाई में टीम गठित कर इस शिकायत की जांच का निर्देश दिया। जब इन सभी के कॉल सर्विलांस पर डाले गये तो इनकी सच्चाई उजागर हो गयी, वहीं पीड़ित लोगों की शिकायतों की जांच में राज सामने आ गया, जिसके बाद इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। एसीबी की टीम ने इस मामले में बर्खास्त सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र सिंह वर्मा, EOW का पूर्व ASI विनोद वर्मा और एक RTI एक्टिविस्ट व *पत्रकार राजेश तराटे* को गिरफ्तार किया गया है। एसीबी-ईओडब्ल्यू के नाम पर वसूली करने वालों के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
आज प्रेस काँफ्रेंस में एसीबी चीफ आरिफ शेख ने ब्लैकमेलर गैंग का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में आने वाले दिनों अगर इस शिकायत से जुड़ी अन्य कड़ी भी मिली तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि..
“एसीबी-ईओडब्ल्यू हमेशा से जीरो करप्शन पर काम करता है, घूस मांगना और देना दोनों अपराध है, हमने इसे हर व्यक्ति तक पहुंचाने का निर्णय लिया है, हमने कई जगहों पर लोगों को जागरूक भी किया है, लोगों को बताया है कि अगर कहीं भी ऐसी शिकायत मिलती है, तो तुरंत उन्हें सूचना दें, इसी कड़ी में हमें ऐसी सूचनाएं मिली थी, जिसमें लोगों ने हमेश इस तरह की शिकायतें दी, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गयी। हम लोगों से अपील करते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आयें, वो डरें नहीं, हमें बतायें कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है या परेशान किया जा रहा है, हम उनके खिलाफ जरूर कार्रवाई करेंगे।”
*पटवारी को धमकाता था बर्खास्त SI सत्येंद्र सिंह*
भाटापारा का रहने वाले सत्येंद्र सिंह वर्मा पुलिस विभाग में ही पदस्थ था, लेकिन ऐसी ही रिश्वतखोरी के मामले में जेल जाने के बाद उसके पुलिस विभाग के बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के बाद भी सत्येंद्र अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, वो अब ईओडब्ल्यू और एसीबी के नाम पर वसूली का धंधा चालू कर दिया। बलौदाबाजार के एक पटवारी को उसके झांसा दिया कि एसीबी में चल रहा उसका मामला वो खत्म करा सकता है, जिसके लिए उसे 5 लाख रुपये देने होंगे। पटवारी को फर्जीवाड़े का अहसास हुआ, तो उसने इस प्रकरण की शिकायत एसीबी मुख्यालय और पुलिस थाने में की थी।
*सस्पेंड ASI विनोद वर्मा ने फारेस्ट अफसर से मांगे थे 10 लाख*
फर्जीवाडे की ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से ASI विनोद वर्मा सस्पेंड किया जा चुका था, लेकिन कार्रवाई के बाद भी वो करतूतों से बाज नहीं आ रहा था। वन विभाग के एक अफसर को विनोद वर्मा ने धमकी दी थी कि उसके खिलाफ एसीबी में गंभीर शिकायतें दर्ज है, उसे किसी भी दिन जेल भेजा जा सकता है। अगर गिरफ्तारी से बचना है तो 10 लाख रुपये तुरंत दो। इस दौरान विनोद खुद को EOW का कर्मचारी बताता रहा। हद तो ये विनोद ये सारा काम एसीबी चीफ और एसपी के लिए करने की बात भी उस अधिकारी से कही। जिसके बाद अधिकारी ने ये रकम जमा तो करा दी, लेकिन इसकी शिकायत एसीबी और अधिकारियों को दी, जिसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बलौदाबाजार से उसकी गिरफ्तारी हुई है।
*वन विभाग के कर्मचारियों से वसूली करता था कथित पत्रकार राजेश*
खुद को पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट बताने वाले राजेश तराटे के खिलाफ ये शिकायत मिली थी कि वो वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली करता था। आरटीआई एक्टिविस्ट के नाम से पहले राजेश सूचना के अधिकार के नाम पर जानकारी जुटाता था और फिर एसीबी-ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराने की धमकी देकर हजारों-लाखों की वसूली करता था। इस दौरान वो एसीबी चीफ आरिफ शेख और एसपी पंकज चंद्रा से रिश्ते होने का झांसा भी देता था। इसके खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया गया था। कई लोगों से उसके 10 हजार 15 हजार की वसूली भी की थी। सिविल लाइन पुलिस की तरफ से उसकी गिरफ्तारी की गयी है।
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