10 दिन पहले सगे चाचा ने बनाया अपनी हवस का शिकार फिर ये दो माह का गर्भ ?
2-नवम्बर,2020
मुंगेली-{सवितर्क न्यूज़}-करीब पखवाड़े भर पहले देवार जाति की दलित मासूम का बलात्कार उसके सगे चाचा ने किया और अब प्रशासनिक मशीनरी की व्यवस्थाएं लगातार उसका मानसिक बलात्कार कर रही है । पीड़ित बच्ची के उम्र निर्धारण के लिए उसे कभी मुंगेली से बिलासपुर तो कभी फिर बिलासपुर से मुंगेली भटकाया जा रहा है। इंसानियत और रिश्ते को शर्मसार करने वाली यह घटना सरगांव थाना क्षेत्र के देवारपारा में घटी थी, जहां कथित तौर पर 8 साल की बच्ची को लेकर उसका सगा चाचा बुथरु देवार बहला-फुसलाकर मदकू दीप ले गया, जहां 3 दिनों तक उसने बच्ची के साथ बलात्कार किया। बच्ची को खोजते हुए परिजन निकले तो परिजनों को बच्ची नारायणपुर में मिली , जिसने पूरा हाल कह सुनाया । पुलिस ने इस मामले में आरोपी को पकड़ लिया तो वही केस डायरी फाइल करने के लिए जांच प्रक्रिया आरंभ की गई। बच्ची की उम्र आधार कार्ड के अनुसार 8 वर्ष अंकित है जबकि देखने में वह 11- 12 वर्ष की लग रही है ।घटना वाले दिन उसकी वास्तविक उम्र क्या थी यह जांच का अहम हिस्सा है, इसलिए उम्र निर्धारण हेतु पीड़ित बच्ची को मुंगेली जिला अस्पताल लाया गया, जहां पहले तो संबंधित विभाग के चिकित्सक गायब मील, जब डॉक्टर मिले तो उन्होंने इस जांच से इनकार करते हुए पीड़ित बच्ची को सिम्स रेफर कर दिया। सरगांव पुलिस की टीम बच्ची को लेकर उम्र निर्धारण जांच के लिए सिम्स पहुंची लेकिन यहां भी तकनीकी कारण गिनाते हुए बच्ची को वापस मुंगेली जिला अस्पताल भेज दिया गया। बच्ची कोइस तरह मुंगेली से बिलासपुर और बिलासपुर से मुंगेली भटकाया जाता रहा। इस बीच दोबारा जब बच्ची को जांच के लिए मुंगेली जिला अस्पताल लाया गया तो एक बार फिर चिकित्सक जांच के लिए आनाकानी करने लगे । खासकर एक्सरे विभाग के डॉ महेंद्र टंडन ने हाथ खड़े कर दिए। इसकी भनक जब स्थानीय मीडिया को लगी तो उन्होंने तुरंत मामले में दबाव बनाया ,जिसके बाद किसी तरह चिकित्सक जांच के लिए तैयार हुए, लेकिन जब बच्ची की जांच की गई तो एक और नया मामला उजागर हुआ । पता चला कि बलात्कार पीड़ित बच्ची 2 माह की गर्भवती भी है।जिससे अब उसके गर्भपात की प्रक्रिया प्राथमिकता में शामिल हो गई है। लेकिन मुंगेली जिला अस्पताल के सीएमएचओ ने बच्ची का गर्भपात करने से साफ इंकार कर दिया जिसके बाद इसके लिए अदालती आदेश का हवाला दिया गया लेकिन अब आदेश मिलने के बाद भी चिकित्सक कह रहे हैं कि मुंगेली जिला अस्पताल में बच्ची का गर्भपात कराना बेहद जोखिम भरा होगा इसलिए उसे किसी और बड़े अस्पताल भेजने की बात की जा रही है। हैरानी इस बात की है कि स्वास्थ्य मंत्री जिस जिले के प्रभारी हैं उसी जिले का जिला अस्पताल इस कदर बीमार है कि वहां गर्भपात की सुविधा तक नहीं है। वहीं इस मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। पीड़ित बच्ची के चाचा ने 20 अक्टूबर के आसपास बच्ची के साथ बलात्कार किया था लेकिन अब तो बच्ची करीब 2 माह की गर्भवती पाई गई है । अब सवाल यह उठता है कि क्या उसके साथ आरोपी चाचा ही पहले भी बलात्कार करता रहा है या फिर बच्ची के गर्भ में किसी और का बच्चा पल रहा है। पुलिस के लिए अब यह पता करना भी जरूरी हो गया है ।अगर यह बच्चा किसी और का है तो फिर बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में एक और आरोपी का भी नाम जुड़ सकता है ।इसके लिए पीड़ित बच्ची के बयान के अलावा डीएनए टेस्ट का भी सहारा लेना पड़ेगा, लेकिन एक और मुश्किल यह है कि अब तक बच्ची के गर्भ में पल रहे भ्रूण के गर्भपात की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है, जिससे खतरा बढ़ता जा रहा है। इस मामले में सरगांव पुलिस की सराहना करनी होगी जिन्होंने ना केवल मानवता का परिचय दिया बल्कि बेहद धैर्य से भी बच्ची को यहां से वहां लाते, ले जाते रहे हालांकि अब जांच की दिशा बदलती नजर आ रही है इसलिए सरगांव पुलिस की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। साथ ही जल्द से जल्द यह भी तय करना होगा कि पीड़ित बच्ची का सुरक्षित गर्भपात किसी अच्छे अस्पताल में हो सके क्योंकि जैसे-जैसे वक्त बितता जाएगा खतरा और बढ़ेगा।
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