सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाई है और सवाल किया है कि ऐसी कौन-सी जांच बची है जो अब तक पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने कहा कि एक तरफ ईडी यह कहती है कि आरोपियों को बेल नहीं देनी चाहिए, जबकि दूसरी तरफ दावा करती है कि उनकी जांच अधूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिए हैं कि वे जांच अधिकारी का व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें, जिसमें साफ कहा जाए कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कौन-सी जांच चल रही है और इस जांच को पूरा करने में कितना समय लगेगा। ईडी ने बताया है कि लखमा इस शराब सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे और उन्हें हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए कमीशन दिया जाता था।
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी विभाग के अधिकारियों को दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को स्थायी कर दिया है।
सीबीआई और ईओडब्ल्यू भी इस मामले की जांच कर रहे हैं, और कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई हैं। ईडी का दावा है कि यह घोटाला छत्तीसगढ़ को लगभग 2,161 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा चुका है।

