छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश बॉर्डर पर बड़ी कार्रवाई: 48 घंटों में 13 नक्सली ढेर, 50 गिरफ्तार

राजेंद्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बीते 48 घंटों में बड़ी सफलता हासिल की है। इस दौरान कुल 13 नक्सली मारे गए हैं और 50 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रमुख मुठभेड़ और गिरफ्तारियां

7 नक्सली ढेर

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले में बुधवार सुबह पुलिस और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए। इनमें ज्योति उर्फ सरिता (DVCM), सुरेश उर्फ रमेश, लोकेश उर्फ गणेश, सैने उर्फ वासु, अनीता और शम्मी शामिल हैं। ये सभी पहले जगरगुंडा-दक्षिण बस्तर क्षेत्र में सक्रिय थे।

50 नक्सली गिरफ्तार

आंध्र प्रदेश पुलिस ने काकीनाडा, कृष्णा, विजयवाड़ा और ASR जिले में चलाए गए अभियानों में दंडकारण्य क्षेत्र के अहम ऑपरेटिव – मदन्ना, मनीला, पोडियम रेंगु, सोड़ी लछु और उड्डे रघु सहित 50 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। आगे की पूछताछ और कार्रवाई छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ मिलकर की जा रही है।

इनपुट और बरामदगी

बुधवार सुबह की मुठभेड़ नक्सली लीडर देवजी की मौजूदगी के इनपुट पर सर्चिंग के दौरान हुई। सभी के शव और हथियार बरामद कर लिए गए हैं।

एक दिन पहले हिड़मा समेत 6 नक्सली मारे गए

मारा गया खतरनाक नक्सली कमांडर हिड़मा

इसी इलाके के मरेडमिल्ली जंगल में 18 नवंबर की सुबह हुई मुठभेड़ में देश के सबसे खतरनाक नक्सल कमांडरों में से एक माड़वी हिड़मा मारा गया। इस एनकाउंटर में उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सली भी मारे गए थे।

हिड़मा का इतिहास

हिड़मा पिछले दो दशकों में हुए 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था। इनमें 2010 का दंतेवाड़ा हमला (76 CRPF जवान शहीद), 2013 का झीरम घाटी हमला, और 2021 का सुकमा-बीजापुर हमला शामिल हैं।

एक जवान शहीद

डोंगरगढ़ के बोरतलाव क्षेत्र के जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक अन्य मुठभेड़ में एमपी पुलिस के एएसआई आशीष शर्मा गोली लगने से घायल हो गए थे। डोंगरगढ़ अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

बीजापुर में भी बड़ी कार्रवाई

इससे पहले, 11 नवंबर को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया में हुई मुठभेड़ में 3 महिला समेत 6 नक्सली मारे गए थे। इनमें मद्देड़ एरिया कमेटी का इंचार्ज बुच्चन्ना और शीर्ष नक्सल लीडर पापाराव की पत्नी उर्मिला शामिल थीं। हालांकि, पापाराव जान बचाकर भागने में कामयाब रहा था।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)