बिलासपुर में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का आरोप, तीन गिरफ्तार

राजेंद्र देवांगन
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 12 नवंबर को धर्मांतरण के दो मामले सामने आए। हिंदूवादी संगठनों ने SECL के ड्राइवर समेत तीन लोगों पर प्रार्थना सभा के नाम पर हिंदू महिलाओं और बच्चों का ब्रेनवॉश करने और धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया। सरकंडा और पचपेड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस की त्वरित कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

वसंत विहार कॉलोनी: ड्राइवर पर धर्मांतरण का आरोप

सरकंडा क्षेत्र के वसंत विहार कॉलोनी निवासी राजेंद्र खरे की क्वार्टर में प्रार्थना सभा चल रही थी। हिंदूवादी संगठनों को सूचना मिली कि वहां महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को हिंदू देवी-देवताओं को शैतान बताकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। संगठन कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे, हंगामा मचा और फिर पुलिस को बुलाया गया। छत्रपाल साहू की रिपोर्ट पर पुलिस ने राजेंद्र खरे को धार्मिक भावनाएं भड़काने और धर्मांतरण के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया।

पचपेड़ी थाना क्षेत्र: बाइबिल बांटने और प्रलोभन देने का आरोप

दूसरा मामला पचपेड़ी थाना क्षेत्र के कुकुर्दीखुर्द गांव का है। यहां संजय डांडेकर और रिरिक लहसकर के घर पर हिंदू महिलाओं और बच्चों को बाइबिल और ईसाई धर्म संबंधी साहित्य बांटा जा रहा था। उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। पुलिस ने सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर प्रार्थना सभा बंद कराई। नारायण पटेल की शिकायत पर दोनों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3(5) व संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।

इलाके में बढ़ाया गया सुरक्षा इंतजाम

पुलिस ने दोनों स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि किसी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव न हो। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और अवैध धार्मिक गतिविधि या उकसावे की सूचना तुरन्त पुलिस को देने की अपील की है।

धर्मांतरण के प्रयासों पर छत्तीसगढ़ में लगातार कार्रवाई हो रही है, और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। पुलिस का कहना है कि हर मामला तथ्यों और सबूतों के आधार पर जांचा जाता है

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)