हाईकोर्ट में सुनवाई
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने मामले की अगली तारीख 8 सितंबर तय की है।
ED के आरोप
- ED का कहना है कि शराब घोटाले से निकली रकम से चैतन्य बघेल को लगभग 16.70 करोड़ रुपये मिले।
- यह रकम कथित रूप से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट की गई।
- फर्जी निवेश दिखाकर ब्लैक मनी को वाइट करने का प्रयास हुआ।
- सिंडिकेट के साथ मिलकर करीब 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के भी आरोप लगे।
गिरफ्तारी और अदालत में पेशी
- चैतन्य बघेल को ED ने 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया था।
- कस्टोडियल रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें 23 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया।
चैतन्य का पक्ष
- चैतन्य बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
- उनका तर्क है कि ED की कार्रवाई अवैधानिक है और गिरफ्तारी बिना ठोस सबूत के हुई।
- उन्होंने मांग की कि इस केस से जुड़ी पूरी कार्रवाई को निरस्त किया जाए।
पिछली सुनवाई में उठा स्वास्थ्य मुद्दा
- पिछली सुनवाई में चैतन्य की ओर से अदालत को बताया गया था कि उन्हें जेल में बुखार है और साफ पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा।
- इस पर जस्टिस अरविंद वर्मा ने जेल अधीक्षक और ED को निर्देश दिए कि जेल मैनुअल के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएं और जरूरी व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएं।
अगली सुनवाई 8 सितंबर को
मंगलवार को ED ने कोर्ट को बताया कि घोटाले की रकम चैतन्य की कंपनी बघेल डेवलपर्स (विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट) में इन्वेस्ट की गई थी। छापेमारी में अकाउंटेंट के ठिकानों से अहम रिकॉर्ड जब्त हुए हैं। हालांकि, ED का विस्तृत जवाब अभी लंबित है, जिसे अगली सुनवाई 8 सितंबर को पेश किया जाएगा।