गृह मंत्रालय के निर्देश पर कार्रवाई
भारतीय गृह मंत्रालय द्वारा संचालित साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन पोर्टल से रायगढ़ पुलिस को सूचना मिली कि जिले में खोले गए कुछ बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर अपराधियों द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद डीएसपी साइबर सेल और कोतवाली पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू की।
69 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन
जांच में सामने आया कि रायगढ़ के अलग-अलग बैंक खातों में साइबर धोखाधड़ी से कमाए गए ₹69,18,979 जमा हुए थे।
- यह रकम यूपी, दिल्ली, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र तक ट्रांसफर की गई।
- पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ₹5,22,798 की राशि को होल्ड कराया।
ठगी का तरीका: लोन का लालच
साइबर गिरोह के सदस्य लोगों को माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन दिलाने का झांसा देते थे।
- जरूरतमंदों से 5 हजार रुपये देकर बैंक खाता खुलवाते।
- खाता किट और सिम अपने पास रख लेते।
- फिर इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी के पैसों को घुमाने के लिए किया जाता।
सक्ती से पकड़े गए दो आरोपी
पुलिस ने छानबीन के बाद सक्ति जिले से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया—
- शिवाजी चंद्रा (ग्राम डभरा)
- जितेश कुमार चंद्रा (28, ग्राम चंदेलाडीह)
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि गिरोह से जुड़े लोगों से उन्हें प्रति खाता 10 हजार रुपये मिलते थे, जो कैश या फोन-पे के जरिए दिए जाते थे।
गिरोह के और सदस्य निशाने पर
- आरोपी शिवाजी ने अब तक डेढ़ लाख रुपये कमाने की बात स्वीकार की है।
- पुलिस ने दोनों के मोबाइल और सिम कार्ड जब्त किए और उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
- पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह के पांच अन्य सदस्यों के नाम बताए, जो फर्जी सिम और खाते उपलब्ध कराते थे।
- पुलिस अब इनकी तलाश में जुटी है।