5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर सहित 2 ढेर

राजेंद्र देवांगन
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ये तस्वीर कर्रेगुट्टा पहाड़ की है। यहां जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बुधवार को पुलिस और डीआरजी के जवानों ने 5 लाख के इनामी नक्सली समेत 2 को मार गिराया है। इसमें एक महिला नक्सली भी शामिल है। जवानों ने नक्सलियों के शव और हथियार बरामद कर लिए हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।

मिली जानकारी के मुताबिक सुकमा डीआरजी और पुलिस को सुबह सूचना मिली थी कि नक्सल संगठन के बड़े कैडर मौजूद हैं। सूचना पर जवानों को सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। दोपहर करीब 2 बजे जवानों को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी।

जवानों ने कमांडर बमन को मार गिराया

इस दौरान जिला पुलिस बल और डीआरजी की संयुक्त टीम ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। जवानों ने पत्थरों और पेड़ों के पीछे छिपकर जवाबी फायरिंग की। मारे गए नक्सलियों में से एक की पहचान पेडारस एलओएस (Local Organization Squad)) कमांडर बमन के रूप में हुई है।

कमांडर बमन पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं, मुठभेड़ में शामिल महिला नक्सली के शव की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। मौके से एक इंसास राइफल, एक 12 बोर राइफल समेत अन्य हथियार, गोलाबारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं। घने जंगलों का फायदा उठाकर नक्सली भाग निकले हैं।

4 दिन पहले मारे गए 7 नक्सली

4 दिन पहले बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क क्षेत्र में जवानों ने सेंट्रल कमेटी सदस्य गौतम उर्फ सुधाकर और तेलंगाना कमेटी के सदस्य भास्कर समेत 7 नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए सुधाकर पर 1 करोड़ और भास्कर पर 45 लाख का इनाम था। सुधाकर छुट्टी मनाकर जंगल लौटा था, तभी मुठभेड़ में मारा गया।

नक्सलियों के शवों के पास से ऑटोमैटिक हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। 5 जून को पहली मुठभेड़ के बाद सुधाकर का शव बरामद हुआ था। यह वही सुधाकर है, जिसने दंडकारण्य क्षेत्र में नक्सल शिक्षा केंद्रों की शुरुआत की थी। वहीं 6 जून को नक्सली कमांडर भास्कर मारा गया, जो तेलंगाना स्टेट कमेटी से जुड़ा हुआ था।

इसके साथ ही 6 और 7 जून की दरम्यानी रात को हुई मुठभेड़ों में 3 और नक्सलियों के शव मिले, जिनमें 2 महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। 7 जून को अंतिम मुठभेड़ में 2 अन्य पुरुष नक्सलियों के शव बरामद किए गए।

एनकाउंटर स्पॉट से 2 AK-47 राइफल, भारी मात्रा में गोला-बारूद और नक्सली दस्तावेज बरामद किए गए हैं। ऑपरेशन के दौरान कुछ जवानों को सांप और मधुमक्खियों ने काट लिया। फिलहाल सभी खतरे से बाहर हैं।

नक्सलियों के प्रेस इंचार्ज की भी थी मौजूदगी

जानकारी के मुताबिक फोर्स सर्चिंग पर निकली थी। इसी दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी गोलीबारी की। इस दौरान तेलंगाना स्टेट कमेटी में नक्सलियों के प्रेस इंचार्ज बंडी प्रकाश समेत बड़े स्तर के नक्सलियों की मौजूदगी भी थी।

इस दौरान मुठभेड़ में 2 नक्सली मारे गए, जिससे सुधाकर की डेडबॉडी को जवानों ने बरामद कर लिया था। वहीं भास्कर का शव शुक्रवार को मिला। उसके पास से हथियार भी मिले हैं, जिन्हें जवानों ने जब्त कर लिया था।

सुरक्षाबलों ने 25 लाख रुपए के इनामी नक्सली भास्कर (45) को भी मार गिराया। (फाइल फोटो)

अब जानिए 1 करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकर के बारे में

दरअसल, केंद्रीय कमेटी मेंबर सुधाकर उर्फ नर सिंहाचलम तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में वांटेड था। बताया जा रहा है कि, गुरुवार को नेशनल पार्क एरिया में माओवादियों के बड़े कैडर की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षाबल निकले थे।

सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम में डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा के जवान शामिल थे।

तस्वीर केंद्रीय कमेटी मेंबर सुधाकर की है जो एनकाउंटर में मारा गया।

लगातार बड़े नक्सली लीडर मारे जा रहे

  • इससे पहले 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए। इसमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी था।
  • 21 मई की मुठभेड़ से 7 दिन पहले पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्रेगुट्टा ऑपरेशन की भी जानकारी दी थी। इसमें 31 नक्सलियों को मार गिराया था।
  • छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था।

शाह का दावा- 2026 तक खत्म कर देंगे नक्सलवाद

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे।

वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)