रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल की सामान्य सभा में हाल ही में रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल और अन्य सेवाओं की फीस में भारी वृद्धि कर दी गई है, जिसे लेकर काउंसिल के ही दो सदस्यों—डॉ. राकेश गुप्ता और भगत राम शर्मा—ने खुलकर विरोध दर्ज कराया है।
इन सदस्यों का आरोप है कि फीस वृद्धि काउंसिल के बहुमत का दुरुपयोग करते हुए की गई है और यह निर्णय आम फार्मासिस्टों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मनमानी वृद्धि के खिलाफ उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव को शिकायत पत्र सौंपा है।
भत्तों में इजाफा, फीस से वसूली का शक
आरोप है कि काउंसिल अध्यक्ष, रजिस्ट्रार और कुछ सदस्यों ने अपने भत्तों को दोगुना कर लिया है। इसके साथ ही उनके कार खर्च और अन्य निजी सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अतिरिक्त खर्चों की भरपाई के लिए ही रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल फीस बढ़ाई गई है।
अल्टीमेटम: एक हफ्ते में फीस वापसी वरना भूख हड़ताल
डॉ. राकेश गुप्ता और भगत राम शर्मा ने स्पष्ट किया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई फीस वापस नहीं ली जाती, तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उनका कहना है कि यह लड़ाई केवल दो व्यक्तियों की नहीं, बल्कि प्रदेश के हजारों फार्मासिस्टों के अधिकारों की रक्षा के लिए है।
फार्मासिस्टों से की अपील
उन्होंने प्रदेश के सभी फार्मासिस्टों से सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा है कि इस लड़ाई में सभी को साथ आना चाहिए ताकि काउंसिल की मनमानी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर विरोध किया जा सके।
काउंसिल के सदस्यों की जांच का मांग
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने जितने भी मनोनीत सदस्य, चुनाव में जीत कर आये सदस्य, अध्यक्ष और रजिस्टार है सभी की पढ़ाई व कार्य की विधिवत निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
फार्मेसी काउंसिल में चल रही मनमानी को रोकने के लिए उनकी जांच, करना और सभी फार्मासिस्ट को साथ आना अति आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी पूर्व में रहे विवादित मामले
कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पर नियम विरुद्ध कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाते हुए कहा गया है कि रजिस्ट्रार अश्विनी गुर्देकर ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बदले की भावना से प्रेरित होकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पदेन सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता की सदस्यता समाप्त की है।
रजिस्टार अश्वनी गुर्देकर के डिप्लोमा फार्मेसी पूरे होते ही आंबेडकर अस्पताल में कार्यरत होना बताया गया वहीं गुर्देकर जी जॉब के साथ कोलंबिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी से बैचलर करते हुए रजिस्टार भी बने और साथ ही अम्बेडकर अस्पताल में कार्यरत भी रहे।
गुर्देकर जी एक साथ 3 कामों को कर रहे बैचलर की पढ़ाई, अम्बेडकर अस्पताल के काम और साथ ही रजिस्टार का पोस्ट सवाल खड़ा करता है एक ही व्यक्ति एक समय पर एक साथ 3 जगहों पर कार्य कैसे?
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में चल रही गड़बड़ी का बड़ा खुलासा सामने आया है जिसमें डॉ राकेश गुप्ता जी सामने आकर खुल कर बताए है कि छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में मनमानी फीस वृद्धि भी की जा रही साथ ही उन पैसे के कोई हिसाब नहीं कितना खर्च हुआ कहा हुआ?