छत्तीसगढ़ में खनिज क्षेत्र के विकास के लिए गठित जिला खनिज न्यास फंड में करोड़ों के घोटाले का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसी कड़ी में एसीबी और ईओडब्ल्यू ने आज चार पूर्व और वर्तमान अधिकारियों को गिरफ्तार कर रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से सभी को 13 मई 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
गिरफ्तार अधिकारी कौन हैं?
भरोसा राम ठाकुर तत्कालीन नोडल अधिकारी, डीएमएफ, जिला कोरबा
भूनेश्वर सिंह राज (B.S. Raj) – रिटायर्ड जनपद सीईओ, कोरबा
राधेश्याम मिर्झा तत्कालीन जनपद सीईओ, कोरबा
वीरेंद्र कुमार राठौर वर्तमान जनपद सीईओ, पत्थलगांव
इन पर डीएमएफ फंड के तहत स्वीकृत योजनाओं में अनियमित ठेके, फर्जी भुगतान, और बिना काम किए राशि जारी करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
जांच में सामने आए अहम सबूत
ACB और EOW की शुरुआती जांच में कई अहम दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स और नकली भुगतान के प्रमाण मिले हैं। आरोप है कि कई विकास योजनाएं कागजों पर पूरी दिखाकर राशि निकाल ली गई, जबकि जमीन पर उनका अस्तित्व ही नहीं था।
पूछताछ से मिल सकते हैं और नाम
पुलिस रिमांड के दौरान चारों आरोपियों से पूछताछ की जाएगी, जिसमें अन्य अफसरों, ठेकेदारों और संभवतः राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता उजागर होने की संभावना है। जांच एजेंसियां इस घोटाले से जुड़े हर पहलू की परतें खोलने में जुटी हैं।
लोगों में आक्रोश, पारदर्शिता की उठी मांग
डीएमएफ फंड आम जनता और खनिज क्षेत्र के विकास के लिए होता है, ऐसे में इसके दुरुपयोग पर जनता में नाराजगी है। लोग अब इस मामले में सख्त कार्रवाई और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।